देहरादून। उत्तराखंड में सहकारी समितियों के चुनाव समय पर ही होंगे। सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत ने शुक्रवार को विधानसभा भवन स्थित सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही। उन्होंने राज्य की सभी 670 बहुद्देश्यीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के लिए चलाए जा रहे सदस्यता अभियान को 30 नवंबर तक जारी रखने पर जोर देते हुए इनमें दो लाख नए सदस्य बनाने के निर्देश दिए। अभी तक 77 हजार नए सदस्य बन पाए हैं। वर्तमान में इन समितियों में 12 लाख सदस्य हैं।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष फरवरी में हरिद्वार में सहकारिता का चिंतन शिविर होगा, जिसमें भविष्य की योजनाओं व नीतियों का खाका खींचा जाएगा। इसके पीछे मंतव्य किसानों की आमदनी सहकारिता के माध्यम से दोगुना करना है। उन्होंने कहा कि सहकारिता की ताकत बढ़ाकर ग्रामीण समुदाय को आर्थिक रूप से मजबूत और स्वावलंबी बनाना सरकार की प्राथमिकता है। सहकारिता ऐसा माध्यम है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक व आर्थिक बदलाव लाने में सक्षम है।
डा रावत के अनुसार बहुद्देश्यीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों से ऋण लेने वाले जिन व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है और ऋण राशि जमा नहीं कराई गई है, उनके स्वजन के लिए संचालित एकमुश्त समाधान योजना के लक्ष्य को पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक ऐसे 6778 व्यक्तियों के स्वजन द्वारा 17.23 करोड़ की राशि जमा कराई जा चुकी है। उन्होंने इस योजना की निरंतर समीक्षा करने को भी निर्देशित किया।
दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इस योजना में वर्ष 2017 से अब तक 855579 व्यक्तियों को 4835.34 करोड़ रुपये के ऋण बांटे जा चुके हैं। इनमें 4894 स्वयं सहायता समूह हैं। बैठक में निबंधक सहकारी समितियां आलोक कुमार पांडेय, अपर निबंधक आनंद शुक्ल, राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक नीरज बेलवाल, उत्तराखंड सहकारी संघ की प्रबंध निदेशक रमिंद्री मंद्रवाल, पीसीयू के प्रबंध निदेशक मान सिंह सैनी, संयुक्त सचिव सहकारिता राजेंद्र प्रसाद भट्ट, निदेशक मनोज पटवाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।