उज्जैन। उज्जैन की विवेकानंद कॉलोनी में तीन साल पहले लॉकडाउन के दौरान सिक्योरिटी गार्ड की हत्या करने वाले दो आरोपी और षड्यंत्रकारी महिला को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र खाण्डेगर ने बताया कि शास्त्रीनगर में रहने वाला अशोक चौहान पाटीदार अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड था। लॉकडाउन में 27 अप्रैल 2020 को पैदल ड्यूटी पर अस्पताल जा रहा था। विवेकानंद कॉलोनी से गुजरते समय उसे पीछे से आए शेरू पिता राजू विश्वकर्मा और गोविन्द पिता लालूसिंह ने घेर लिया था।
दोनों ने उस पर चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी थी। घटनास्थल पर मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों को नीलगंगा पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की, जिसमें सामने आया कि दोनों हमलावरों ने मृतक अशोक की बहन राजकुमारी चौहान के साथ षड्यंत्र रचकर हत्या को अंजाम दिया है।
मृतक की बहन के घर दोनों आरोपियों को आना जाना था। इसको लेकर अशोक चौहान को आपत्ति थी। इस बात पर सीने में चाकू घोंपकर हत्या की गई। पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
तीन साल बाद सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश शशिकांत वर्मा ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रकरण में अभियोजन का संचालन जिला अभियोजन अधिकारी नितेश कृष्णन और संध्या सोलंकी द्वारा किया गया।