लखनऊ। मेरे ऊपर बहुत कर्ज है, लोगों का सामना करने में शर्मिंदगी लगती है, ऐसा लगता है कि कर्ज नहीं चुका पाऊंगा, इसलिए खुदकुशी कर रहा हूं…। यह लिखकर नाका के राजेंद्रनगर निवासी व्यापारी ने रविवार को फ्लैट में फांसी लगा ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में लेने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया।
राजेंद्रनगर स्थित गुरमुख भवन के फ्लैट नंबर-203 में कारोबारी मनीष अग्रवाल (48) परिवार के साथ रहते थे। अमीनाबाद मुमताज मार्केट में उनकी गिफ्ट सेंटर की शॉप है। रविवार दोपहर घर पर मां लक्ष्मी थीं। पत्नी नीतू और बेटी गुनगुन मोहनलालगंज में एक सत्संग में शामिल होने गई थीं। मनीष अपने कमरे में थे। इसी दौरान लक्ष्मी उनके कमरे में गईं तो मनीष को फंदे पर लटकता देख स्तब्ध रह गईं।
उन्होंने आसपास के लोगों को बुलाया और नीतू को सूचना दी। जानकारी होने पर पुलिस भी पहुंच गई। शव को फंदे से उतारकर मोर्चरी भेजा। नाका इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह ने बताया कि घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिससे पता चला है कि मनीष पर कर्ज था। इससे वह तनावग्रस्त थे। इसलिए उन्होंने खुदकुशी की। परिजनों ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है। यदि तहरीर मिलेगी तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों ने बताया कि मनीष ने बैंक से बड़ा कर्ज ले रखा था। बताया जा रहा है कि बैंक से 70-80 लाख का लोन था। ये जानकारी भी मिली है कि कुछ लोगों से भी रकम ली थी। उनका व्यापार घाटे में था। इसलिए कर्ज चुका नहीं पा रहे थे। बैंक वाले भी दबाव बना रहे थे। इन सभी वजहों से मनीष परेशान हो गए थे। तनाव इतना बढ़ा कि उन्होंने खुदकुशी कर ली।
मनीष की मौत से पूरा परिवार बेहाल है। मां, पत्नी और बेटी बदहवास हैं। दो महीने पहले ही उनके पिता का निधन हुआ था। दो महीने के भीतर परिवार के दो लोगों की मौत ने सभी को बिखेर दिया है।