काशीपुर। एक पुलिस कर्मी ने बार एसोसिएशन अध्यक्ष पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी अधिवक्ता को गिरफ्तार कर सिविल जज जूनियर डिवीजन करिश्मा डंगवाल के न्यायालय में पेश किया। जहां दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने पुलिस के रिमांड को खारिज कर अधिवक्ता को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए।
कांस्टेबल हरि सिंह की तहरीर पर पुलिस ने बृहस्पतिवार को काशीपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय चौधरी के खिलाफ केस दर्ज किया था। शुक्रवार की सुबह उन्हें गिरफ्तार करते ही अधिवक्ताओं में रोष फैल गया। वकीलों ने कार्यबहिष्कार शुरू कर दिया। उधर, पुलिस ने अधिवक्ता संजय चौधरी को सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय में रिमांड पर लेने के लिए पेश किया। कोर्ट ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को तुरंत रिहा करने के आदेश दिया।
निर्णय सुनते ही वकीलों ने अध्यक्ष को साथ लेकर विजयी जुलूस निकाला। इधर, बार एसोसिएशन के सचिव प्रदीप चौहान ने कहा कि झूठा मुकदमा अधिक नहीं टिकता है। पुलिस को कानूनी शिक्षा लेने की आवश्यकता है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि पूरा देश कानून से चलता है और मुझे पुलिस ने जबरदस्ती झूठा फंसाया था।
न्यायालय ने आज कानून की जीत का निर्णय कर क्षेत्र के लोगों में न्याय के प्रति भावना को उजागर किया है। वहीं बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के सदस्य पूर्व अध्यक्ष हरीश नेगी ने इसे कानून की जीत बताया। इधर, जिलेभर के वकीलों ने काशीपुर बार संघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी का विरोध किया। रुद्रपुर और जसपुर में भी वकीलों ने कार्यबहिष्कार कर पुतला फूंका।