देहरादून। गौरीकुंड हादसे जैसी घटनाओं से बचाव के लिए प्रदेश में चारधाम यात्रा मार्ग सहित सभी मार्गों का सर्वेक्षण कराया जाएगा। इसके लिए शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा बाहरी प्रदेशों से यहां आकर व्यापार इत्यादि करने वाले लोगों का भी सत्यापन कराया जाएगा ताकि आपदा की स्थिति में लोगों की जानकारी पहले से प्रशासन के पास रहे।
हादसे के बाद शनिवार को सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने घटनास्थल का दौरा किया। इसके बाद उनकी ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए गए। इसमें चारधाम यात्रा मार्ग सहित तमाम ऐसे स्थानों का सर्वे कर ब्योरा जुटाने को कहा गया, जहां बाहर से आकर लोग पहाड़ों या नदियों के किनारे स्थायी तौर पर दुकानें बनाकर व्यापार कर रहे हैं या घर बनाकर रह रहे हैं। स्थानीय प्रशासन को ऐसे लोगों का सत्यापन कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सचिव डॉ. सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में चारधाम यात्रा मार्गों सहित तमाम संवेदनशील स्थानों पर लोग अस्थायी तौर पर दुकानें बनाकर व्यापार कर रहे हैं। भविष्य में गौरीकुंड हादसे जैसी पुनरावृति न हो, इसके लिए जिलों को व्यापक स्तर पर सर्वे कराने के निर्देश दिए गए हैं।से संवेदनशील स्थानों का चयन कर रिपोर्ट शासन को देगी।
गौरीकुंड हादसे के बाद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जहां हादसा हुआ है, वहां सीधे पहाड़ खड़े हैं। पहाड़ और रास्ते के बाद लोगों की ओर से अस्थायी दुकानों का निर्माण किया गया था। उन्होंने ऐसी दुकानों को हटाने के साथ ही मार्ग पर पड़ने वाले दूसरे संवेदनशील स्थानों का सर्वे कराने की बात कही है। अमर उजाला से फोन पर हुई बातचीत में डॉ. सिन्हा ने बताया कि शीघ्र ही इसके लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित कर सर्वेक्षण के लिए भेजी जाएगी।