रुद्रपुर। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने फर्जी एसओजी कर्मी बनकर स्क्रैप कारोबारी की कार लूट मामले में जेल गए तीन आरोपियों को संरक्षण देने वाले सत्ताधारी दल के नेता पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के साथ दो लोग कौन थे और इनमें किस नेता का चालक था, पुलिस इसका खुलासा करे। दावा किया कि अगर पुलिस एलाइंस काॅलोनी के सीसीटीवी फुटेज खंगाल ले तो संरक्षण देने वालों का पता चल जाएगा।
शुक्रवार को सिटी क्लब में पत्रकार वार्ता में ठुकराल ने कहा कि इस मामले में सिर्फ मोहरों को जेल भेजा गया है। पीड़ित की तहरीर में दो अन्य लोगों और एक कार का जिक्र भी था, लेकिन पुलिस कार्रवाई में इसे शामिल नहीं किया गया। आरोप लगाया कि शहर में एक सत्ताधारी नेता के संरक्षण में अवैध वसूली का खेल चल रहा है और गुंडाराज कायम हो रहा है। सिडकुल के उद्यमी, स्क्रैप कारोबारियों से खुलेआम वसूली की जा रही है और रुपये नहीं देने वालों से कारोबार छीने जा रहे हैं। सिडकुल की बंद पड़ी फैक्टरियों से मिलीभगत कर स्क्रैप की चोरी की जा रही है।
ठुकराल ने कहा कि दस साल के कार्यकाल में उन्होंने कभी भी सिडकुल में हस्तक्षेप नहीं किया। आरोप लगाया कि पिछले साल एक बंद पड़ी कंपनी से करोड़ों रुपयों का स्क्रैप और एसी चोरी किए गए थे और एसी को दिनेशपुर में एक नेता के गोदाम से बेचा गया। शहर में संरक्षण में हो रहे कृत्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की छवि पर बुरा असर डाल रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इन मामलों का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने 24 जुलाई को वे देहरादून में मुख्यमंत्री से मिलकर उनके सामने प्रकरणों से रखेंगे। डीजीपी को भी मामले से अवगत कराएंगे। कहा कि वे शहर में हो रहे अन्याय और गुंडागर्दी पर चुप नहीं बैठेंगे। वहां पर संजय ठुकराल, आशीष छाबड़ा आदि मौजूद रहे।
पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल की ओर से कार लूट मामले में उठाए गए सवालों पर विधायक शिव अरोरा ने पलटवार किया है। उन्होंने भी बिना नाम लिए उन पर आरोपों की बौछार कर डाली। उन्होंने दस साल के कार्यकाल में कोई उपलब्धि नहीं होने और जुए के अड्डे संचालित करने जैसे गंभीर आरोप मढ़े। कहा कि फर्जी एसओजी मामले में तीन आरोपी जेल गए हैं। इसमें जो दोषी होंगे, उनको सजा मिलेगी।
शुक्रवार की शाम एक होटल में पत्रकार वार्ता में विधायक अरोरा ने कहा कि उनके खिलाफ झूठा नेरेटिव बनाने की कोशिश की जा रही है। चुनाव में हारे नेताजी को सत्ता हाथ से जाने का दर्द है और झूठ बोलना ही इनका राजनीति का मॉडल है। ये अपने कार्यकाल में नजूल भूमि पर लोगों को मालिकाना हक नहीं दिला पाए और चंद लोगाें को फायदा पहुंचाने के लिए काशीपुर बाइपास प्रोजेक्ट को निरस्त करा दिया था। इनके झूठ को कोई गंभीरता से नहीं लेता है और ऐसा करके ये अपनी बची खुची राजनीति भी खत्म करने पर तुले हैं।
आरोप लगाया कि नेताजी के संरक्षण में इनके ही आवास पर जुए का अड्डा संचालित होता था। लेकिन सत्ता हाथ से जाने के बाद जुए, शराब के ठेकों से उगाही बंद हो गई है। नेताजी बताएं कि इनके भाईयों के कामधंधे क्या हैं। इनके पास इतनी संपत्ति कहां से आई। सिडकुल में इनके 70 फीसदी रिश्तेदार स्क्रेप का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएम धामी की वजह से नजूल भूमि पर मालिकाना हक मिलना शुरू हो गया है और काशीपुर बाईपास चौड़ीकरण का काम दो महीने में शुरू हो जाएगा। वहां पर अमित नारंग, केके दास, वेद ठुकराल, सुशील गाबा, धीरेश गुप्ता, धर्म सिंह कोली मौजूद रहे।
आफताब को पदाधिकारी बनाने में हुई चूक
रुद्रपुर। कार लूट मामले में जेल भेजे गए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के उत्तरी मंडल उपाध्यक्ष आफताब के मनोनयन को लेकर पार्टी नेता चूक की बात स्वीकार रहे हैं। विधायक शिव अरोरा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को पदाधिकारी बनाने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। वह जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, इसलिए यह जानते हैं। आफताब के मामले में भी ऐसा किया जाना चाहिए था। संवाद