अल्मोड़ा। कुमाऊं के लोगों को आपदा से सुरक्षित बचाने के लिए सभी छह जिलों में 519 प्रशिक्षित आपदा कर्मियों की तैनाती हुई है। वहीं नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और यूएसनगर जिलों में एनडीआरएफ की तैनाती की गई है। नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में 107 एनडीआरएफ कर्मियों को तैनात किया गया है जबकि यूएनगर के गदरपुर में कंपनी का मुख्यालय है जहां पहले से कई कर्मी तैनात हैं।
आपदाकाल में कुमाऊं के लोगों की सुरक्षा के लिए बागेश्वर के केदारीबगड़ में 45, मुनस्यारी में 29, नैनीताल के भवाली में 23, पिथौरागढ़ के धारचूला में 20 सदस्यीय एनडीआरएफ दल की तैनाती हुई है। वहीं कुमाऊं के सभी जिलों में एसडीआरएफ के 13 दल राहत एवं बचाव में जुटे रहेंगे।
यूएसनगर, नैनीताल, टनकपुर में एसडीआरएफ (तैराकी) की दो-दो, अल्मोड़ा के सरियापानी, पिथौरागढ़ पुलिस लाइन में दो-दो, बागेश्वर के कपकोट, पिथौरागढ़ के अस्कोट, चंपावत के पुलिस लाइन में एक-एक सब टीम तैनात की गई हैं। यूएसनगर में 207 नैनीताल में 112, अल्मोड़ा में 81, पिथौरागढ़ में 54, बागेश्वर में 26 प्रशिक्षित आपदा कर्मी तैनात किए गए हैं।
आपदा की दृष्टि से संवेदनशील कुमाऊं के सभी छह जिलों में अग्निशमन दस्ते की 20 टीम भी तैनात की गईं हैं। अल्मोड़ा, चंपावत में दो-दो, बागेश्वर, पिथौरागढ़, नैनीताल में तीन-तीन और यूएसनगर में सात टीम तैनात हैं।
आपदा के दौरान राहत एवं बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशिक्षित आपदा कर्मियों की तैनाती की गई है। शिफ्ट के हिसाब से 24 घंटे हालात पर नजर रखी जा रही है। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. निलेश आनंद भरणे, आईजी कुमाऊं, नैनीताल।