देहरादून। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा है कि स्वास्थ्य को लेकर भारत अपना एक मॉडल विकसित करेगा। किसी दूसरे देश के मॉडल पर भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि भौगोलिक और पर्यावरण के स्तर पर भारत और दुनिया के बाकी देशों के बीच काफी अंतर है।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शुक्रवार को दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस चिंतन बैठक से जो कुछ निकलेगा, वह देश के स्वास्थ्य लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा ताकि देश अमृतकाल में स्वस्थ और विकसित राष्ट्र बन सके।
केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न राज्यों से कुष्ठ, टीबी, सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों का बोझ हटाने और राज्यों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद के स्वास्थ्य चिंतन शिविर में आयुष्मान भारत के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रकचर मिशन के साथ टीबी उन्मूलन, खसरा, रूबेला और हेल्थ मैनेजमेंट कैडर, मेडिकल और गैर संचारी रोगों पर भी चर्चा होगी। शिविर में 16 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री और सचिव मौजूद रहे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि जल्द ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर होगी। सरकार नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और पुराने कॉलेजों के विस्तार पर जोर दे रही है। इससे आगामी तीन वर्षों में मेडिकल की यूजी और पीजी सीटों की संख्या एक बराबर पहुंच जाएगी। मौजूदा समय में देश के 700 से ज्यादा मेडिकल कॉलेजों में एक लाख से ज्यादा एमबीबीएस की सीटें हें जबकि पीजी सीटों की संख्या इसकी तुलना में काफी कम है।
देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने मौजूदा अंतर को पाटने के लिए तीन साल का लक्ष्य रखा है। निजी और जिला अस्पतालों में डीएनबी पाठ्यक्रम लाकर अगले तीन वर्षों में देश में स्नातक और स्नातकोत्तर सीटें बराबर कर दी जाएंगी।
चिंतन शिविर में आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन, आयुष्मान भव कैंपेन, पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, मीसल्स रूबेला उन्मूलन कार्यक्रम, पीसीपीएनडीटी, मेडिकल नर्सिंग शिक्षा, अंग प्रत्यारोपण, डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम व गैर संचारी रोग प्रबंधन जैसे विषयों पर विचार मंथन किया जाएगा।