पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ में 24 व 25 जुलाई को होने वाले महाअधिवेशन को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल दो गुटों में बंट गई है। एक गुट ने अधिवेशन का विरोध किया है। विरोधी गुट का कहना है कि महाअधिवेशन का निर्णय कुछ वरिष्ठ नेताओं ने एक बंद कमरे में लिया है। इसको लेकर जिलों से न ही कोई प्रस्ताव मांगा गया और न ही सहमति ली गई।
विरोधी गुट ने मसूरी में 24 व 25 जुलाई को ही महाअधिवेशन कराने का एलान किया है। पदाधिकारियों का कहना है कि मसूरी में होने वाला महाधिवेशन ऐतिहासिक होगा। जिसमें यूकेडी का पुर्नजन्म होगा।
दरअसल यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष ने 24 व 25 जुलाई को पिथौरागढ़ में महाअधिवेशन का निर्णय लिया है। इसपर पार्टी के एक गुट नेबुधवार को ऋषिकेश में प्रेसवार्ता आयोजित की इस निर्णय का विरोध किया। यूकेडी के वरिष्ठ नेता जय प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि दल में 1985 से ही कुछ वरिष्ठ नेता राज कर रहे हैं। युवाओं को नेतृत्व का मौका नहीं दिया जा रहा है। अधिवेशन के नाम पर कुछ ही लोग बंद कमरे में निर्णय लेते हैं। जबकि दल के युवा नेता जनता के बीच महाअधिवेशन चाहते हैं।
उपाध्याय ने कहा कि पिथौरागढ़ में महाअधिवेशन का निर्णय भी दल के संविधान को दरकिनार कर लिया गया है। वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ने कहा कि जिलाध्यक्षों की राय लिए बिना केंद्रीय अध्यक्ष ने यह फैसला लिया है। इसके लिए जनपदों से प्रस्ताव भी नहीं मांगे गए। हुसैन ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं की आपसी खींचतान से यूकेडी जनता की भावनाओं पर खरा नहीं उतर पा रहा। कुछ वरिष्ठ नेता अध्यक्ष पद की चाह में कार्यकर्ताओं को लड़ाने का कार्य कर रहे हैं।
प्रेसवार्ता में यूकेडी इन नेताओं ने कहा कि दल का महाअधिवेशन 24 व 25 जुलाई को मसूरी में होगा। दल की वरिष्ठ नेता प्रमिला रावत ने कहा कि मसूरी में आयोजित होने वाले महाअधिवेशन में पहले दिन राजनीतिक प्रस्ताव लाए जाएंगे। दूसरे दिन संगठन के चुनाव कराए जाएंगे। प्रेस वार्ता में देवेंद्र कंडवाल, जब्बर सिंह पावेल, सोहन प्रसाद भट्ट, आशीष भट्ट, संजय रावत, जितेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।