रुद्रपुर। जिले में 42 डिग्री तापमान के बावजूद टिनशेड वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में तपकर बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। रुद्रपुर मुख्यालय में ही आधे आंगनबाड़ी केंद्र टिनशेड में संचालित हैं। ऐसे में सुबह आठ बजे से 12 बजे तक टिनशेड के नीचे पढ़ाई करना मुश्किल हो रहा है। वहीं बिजली कटौती होने से किराये के छोटे कमरों में पढ़ने वाले बच्चों काे भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
की टीम ने मंगलवार को जगतपुरा, विवेकनगर, ट्रांजिट कैंप में छोटे केंद्रों और टिनशेड के कमरों में संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल की। वार्ड-एक स्थित जगतपुरा में टिनशेड वाले छोटे आंगनबाड़ी केंद्र में जमीन पर बैठकर नौ बच्चे पढ़ाई के साथ ही खेलकूद भी कर रहे थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना है कि गर्मी में कुछ बच्चों को उल्टी-दस्त की शिकायत हो रही है। उन्हें ओआरएस पिलाया जा रहा है।
वार्ड-दो स्थित विवेकनगर में संकरी सी गली में चल रहे छोटे आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत 38 बच्चों में से सिर्फ 20 बच्चे ही केंद्र में आए थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि गर्मी की वजह से बच्चों को परेशानी हो रही है। बिजली की आंखमिचौली के कारण बच्चे केंद्र में नहीं बैठ पा रहे हैं। वार्ड-तीन में स्थित ट्रांजिट कैंप थाने के बगल में टिनशेड में संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए कुर्सियां-मेज, रसोई, शौचालय की सुविधा तो थी लेकिन बिजली जाने पर बच्चों को यहां भी दिक्कत झेलनी पड़ रही है। इससे बचने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ग्रीष्मकालीन अवकाश की मांग की है।
सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश भी बच्चों को एक माह से अधिक का मिलता है लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में सिर्फ पांच दिन का अवकाश दिया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक माह की छुट्टियाें की मांग की है। उनका कहना है कि यदि अधिक दिनों का अवकाश नहीं दिया जा सकता तो केंद्रों में पढ़ाई का समय कम कर सुबह आठ से 10 बजे तक कर देना चाहिए क्योंकि सुबह के समय तापमान थोड़ा कम होने से बच्चे केंद्रों में बैठकर पढ़ सकते हैं। बिजली कटौती भी दोपहर के समय ही अधिक हो रही है।
आंगनबाड़ी केंद्रों के कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को अपर सचिव जगदीश कांडपाल ने गोद लिया है। इसलिए वह वार्ड-तीन के आंगनबाड़ी केंद्र में रोज सुबह वीडियो कॉल करके बच्चों का हालचाल जानते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश महामंत्री रंजीता अरोरा ने बताया कि अपर सचिव बच्चों के भोजन और रुचि की जानकारी लेते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बच्चों से वीडियो कॉल कर चुके हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों में सिर्फ पांच दिनों का अवकाश दिया जाता है। शासन के निर्देशों पर ही केंद्रों में छुट्टियां तय की जातीं हैं। जल्द ही केंद्रों में छुट्टियां पड़ने वाली हैं। कई मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करके आंगनबाड़ी केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। उसके बाद बच्चों को दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी।
-उदय प्रताप सिंह, डीपीओ, ऊधमसिंह नगर।