देहरादून। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी परंपरा और मर्यादा होती है। उसी के अनुरूप वहां मर्यादित आचरण करना चाहिए और मर्यादित वस्त्र पहनकर आना चाहिए।अजेंद्र अजय ने यह बात महानिर्वाणी अखाड़े के एक बयान से जुड़े प्रश्न पर कही।
मीडियाकर्मियों ने उनसे पूछा था कि महानिर्वाणी अखाड़े ने यह कहा है कि यदि स्त्री-पुरुष मंदिरों में आ रहे हैं तो उनका 80 प्रतिशत शरीर ढका होना चाहिए। सभी को मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। अजेंद्र ने इस प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी मान्यताएं और मर्यादाएं होती हैं।
उसी माहौल के अनुरूप आचरण और वेशभूषा होनी चाहिए। पर्यटन और धार्मिक यात्रा के फर्क को समझना होगा। स्वाभाविक रूप से यदि आप धार्मिक स्थल की यात्रा पर जा रहे हैं तो आपकी वेशभूषा मर्यादित होनी चाहिए। यह उन धार्मिक स्थलों के लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ा विषय है, जहां आप यात्रा पर जा रहे हैं। धार्मिक स्थलों की मान्यता से छेड़छाड़ करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। मर्यादित आचरण, व्यवहार और वस्त्र पहनकर ही वहां जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की संपत्ति पर राज्य में और राज्य से बाहर अतिक्रमण और अवैध कब्जे हैं। इन्हें हटाने के लिए 188 लोगों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। उन्हें परिसंपत्तियों को शीघ्र खाली करने की चेतावनी जारी कर दी गई है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होगी।
जिन लोगों में मंदिर संपत्तियों के किराये का लंबे समय से भुगतान नहीं किया, उन्हें भी नोटिस जारी किए गए। ऐसे किरायेदारों से 22 लाख रुपये की वसूली हो चुकी है। राज्य से बाहर की परिसंपत्तियों की भी रिपोर्ट मांगी गई है। इसका विधिक परीक्षण कराने के बाद समिति कार्रवाई करेगी।