देहरादून। रीच संस्था की ओर से कला एवं दुनिया की अच्छी फिल्मों को देखने और सराहने की संस्कृति को देहरादून में विकसित करने के लिए रीच टॉकीज की शुरुआत पंद्रह साल पहले की गई थी। स्व.कर्नल सुभाष चंद्र खुल्लर इसके संस्थापक प्रेसिडेंट थे जिन्होंने एक अदम्य उत्साह एवं जुनून से इसको स्थापित किया। उनके असामयिक निधन के पश्चात अविनाश सक्सेना ने इसे सम्भाला और हर सप्ताह एक से एक फिल्म निर्देशकों की फिल्मों को चुन कर लोगों तक लाते रहे। अब इसके सेक्रेटरी मोहित डाँग हैं और प्रेसिडेंट श्रीमती शोभना खुल्लर हैं जिन्होंने इसको कोविद पश्चात पूर्जीवित किया है। इस संस्था के अंतर्गत होटल इंदरलोक, देहरादून, में हर रविवार को ग्यारह बजे सुबह से भारतीय, आंचलिक और विदेशी फिल्में दिखाई जाती रही हैं।
इसी क्रम में, 15 मई को अरेबिक भाषा की फिल्म “लेमन ट्री“ लोगों को दिखाई गई जो एरान रिक्लिस द्वारा निर्देशित है। जिसमे अभिनय किया है हीम अब्बास, अली सुलेमान, रोना लिपाज-माइकल एवं डोरोन टेवरी ने, फिल्म के कहानी को लिखा है एरान रिक्लीस एवं सुहा अरफ ने। फिल्म एक फिलिस्तीनी विधवा- सलमा, की सच्ची कहानी पर आधारित एक नाटक के रूप में दिखाया गया है जिसे अपने नींबू के बागीचे की रक्षा करनी है। फिल्म एक फिलिस्तीनी विधवा के कानूनी प्रयासों का वर्णन करती है, जो इजरायल के रक्षा मंत्री को, जो की उसके नींबू के बाग के बिलकुल बगल में रहने आता है, अपने स्वर्गीय पिता के लगाये बागीचे में नींबू के पेड़ों को नष्ट करने से रोकती है। इस दौर में वह इजराइली सैनिकों एवं सीक्रेट सर्विस साथ उलझती भी है। किंतु अंतराल में सलमा और रक्षा मंत्री की पत्नी के साथ एक नारी सहज मानवीय बंधन विकसित हो जाता है। जहाँ फिलिस्तीनी विधवा सलमा जिदान अपने नींबू के बाग में काम करती है वहाँ एक बार वह बाड़ो को फाँद उससे मिलने भी जाती है लेकिन इजराइली सीक्रेट सर्विस उसे मिलने नहीं देते हैं। । हालाँकि, जब इजरायल के रक्षा मंत्री नवोन रास्ते में आगे बढ़ते हैं, तो उनके सुरक्षा गार्ड मांग करते हैं कि वह उन पेड़ों को हटा दें, जो आतंकवादियों को आश्रय दे सकते थे। सलमा झुकने से इनकार करते हुए, वह अपने मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले जाने के लिए वकील जियाद दाउद को नियुक्त करती है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करता है।
रीच टॉकीज के कार्यपालक चाहते हैं कि वैसे लोग जो देहरादून शहर में फिल्म एवं कला में रुचि रखते हैं वे इस उपक्रम के माध्यम से हर रविवार को सुबह 11ः00 बजे होटल इंद्रलोक में आकर ऐसे फिल्म का आनंद ले सकते हैं जो कि विश्व सिनेमा के सम्मान में दिखाया जाता है। यहां पर हर तरह की फिल्म भविष्य में दिखाई जाएगी जिसमें कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। सेक्रेटरी मोहित डाँग ने कहा कि हमारा मकसद ही है कि हम देहरादून के लोगों को पूरी दुनिया से चुन चुन कर कुछ सर्वश्रेष्ठ फिल्म को दिखाएं ताकि देहरादून के लोगों को एक विश्व व्यापक फिल्मों का एक्सपोजर मिल पाए। प्रेसिडेंट शोभना खुल्लर ने कहा हम इस प्रयास में लगे हैं कि लोग अंतरराष्ट्रीय स्तर के फिल्मों और कलाकारों को समझे, कहानियों को देखें देहरादूनमें भी केरल की तरह एक फिल्म संस्कृति स्थापित हो।
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