देहरादून। लैंड जिहाद के मुद्दे पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर चुकी धामी सरकार अब प्रदेश की एक-एक इंच जमीन का हिसाब जुटाएगी। इसके लिए पहली बार आधुनिक तकनीक का सहारा लेते हुए प्रदेश की संपूर्ण भूमि का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके बाद पूरे प्रदेश का जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) से नक्शा तैयार किया जाएगा।
सरकार की ओर से इसके लिए 150 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड राजस्व परिषद को इस काम के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। प्रदेश में राज्य गठन के बाद से इस बात की जरूरत महसूस की जा रही थी कि संपूर्ण भूमि का डाटा इकट्ठा कर लिया जाए, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी यह काम आगे नहीं बढ़ पाया। प्रदेश का अधिकांश भूभाग (नौ जिले) पर्वतीय होने के कारण तमाम जमीनें गोल खातों के विवाद में उलझी हैं। सरकार कई विकास योजनाओं को भूमि की अनुपलब्धता के कारण शुरू नहीं कर पा रही है। वहीं, कई विभागों के पास अपनी ही उपलब्ध भूमि का रिकॉर्ड मौजूद नहीं है।
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November 15, 2024