रायपुर में जिस भूमि पर विधानसभा-सचिवालय बनेंगे, उसके चारों ओर 60 वर्ग किमी भूमि के लिए हम मास्टर प्लान तैयार कर रहे हैं। यहां माइनर सिटी का निर्माण किया जाएगा, जिसमें सभी अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
-आनंदबर्द्धन, अपर मुख्य सचिव, शहरी विकास एवं आवास
देहरादून। रायपुर में 60 हेक्टेयर भूमि पर राज्य विधानभवन और सचिवालय का निर्माण किया जाएगा। सरकार ने इसकी कवायद तेज कर दी है। इस भूमि के आसपास के 60 वर्ग किलोमीटर दायरे में सरकार एक छोटा शहर बसाएगी, जिसमें सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। आवास विभाग ने इसका मास्टर प्लान बनाने की तैयारी तेज कर दी है।
यूएस की एजेंसी मैकेंजी की रिपोर्ट में ज्यादा यातायात दबाव वाले शहरों को राहत देने के लिए बड़ी भीड़भाड़ और वीआईपी मूवमेंट से जुड़े हुए कार्यालयों को शहर से बाहर बनाने की सिफारिश की गई थी। इस आधार पर सरकार ने काम शुरू किया। तय किया गया है कि रायपुर क्षेत्र में विधानसभा और सचिवालय का निर्माण किया जाएगा।
आने वाले दिनों में 60 हेक्टेयर भूमि पर यह इमारतें बनेंगी। भूमि का चिन्हीकरण कर लिया गया है। खास बात ये भी है कि सचिवालय निर्माण के पहले चरण के लिए सरकार ने इस बार बजट में 16 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस रकम से रायपुर में सचिवालय निर्माण की नींव मजबूत होगी।
जिस 60 हेक्टेयर जमीन पर विधानभवन-सचिवालय बनाया जा रहा है, सरकार ने उसके चारों ओर 60 वर्ग किलोमीटर दायरे में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगाई है। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बताया कि इस 60 वर्ग किलोमीटर में छोटा शहर बसाया जाएगा। यह शहर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यहां पार्क से लेकर साइक्लिंग ट्रैक, वाईफाई जोन से लेकर चिल्ड्रन पार्क, सीवर नेटवर्क, बिजली का नेटवर्क, पेयजल का नेटवर्क होगा। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। बताया कि मास्टर प्लान लागू होने तक इस 60 वर्ग किमी दायरे में किसी भी तरह के नए निर्माण पर रोक रहेगी। इसका शासनादेश जारी हो चुका है।
पुराने शहरों पर भीड़, यातायात का दबाव कम करने के लिए छत्तीसगढ़ में यह प्रयोग शुरू हो चुका है। छत्तीसगढ़ के नया रायपुर क्षेत्र में विधानभवन बनाने का काम चल रहा है। बाकी सरकारी दफ्तर भी शहर से बाहर नया रायपुर में ले जाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के बाद हाल फिलहाल में यह बदलाव लागू करने वाला उत्तराखंड दूसरा राज्य होगा।