
देहरादून। चारधाम यात्रा ने बीते वर्ष सफलता के कई आयाम स्थापित किए हैं। यहां तक कि हेली कंपनियों को भी जम कर मुनाफा हुआ है। गत वर्ष हेली कंपनियों ने केदारनाथ हवाई सेवा से 75.40 करोड़ रुपये का राजस्व वसूला था। हेली टिकटों के लिए मारामारी रही। इसके बावजूद स्थिति यह है कि इस वर्ष केदारनाथ के नौ व हेमकुंड साहिब के लिए दो समेत कुल 11 हेलीपैड से हेली सेवा संचालन के लिए केवल छह कंपनियों ने ही टेंडर डाले हैं। यहां तक कि केदारनाथ से बदरीनाथ हेली सेवा के लिए एक भी टेंडर नहीं आया है।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन परिषद (यूकाडा) के यात्रियों की सुविधा के लिए हेली किराया नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम को इसका कारण माना जा रहा है। अब हेली कंपनियां किराये बढ़ाने के लिए यूकाडा को घेरने का प्रयास कर रही हैं। सूत्रों की मानें तो इस टेंडर प्रक्रिया को बाधित कर हेली कंपनियां अपने हिसाब से किराया निर्धारित करना चाहती हैं। अभी यूकाडा इन सभी टेंडरों का अध्ययन कर रहा है। इसके बाद अग्रिम कदम उठाया जाएगा।
अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में हेली सेवाओं के संचालन को यूकाडा भी तैयारियों में जुटा हुआ है। केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाओं के लिए केदारघाटी में तीन सेक्टर फाटा, सिरसी और गुप्तकाशी बनाए गए हैं। इन तीनों सेक्टर में नौ हेलीपैड हैं, जहां से हेली सेवाओं का संचालन होता है। वर्ष 2019 में यूकाडा ने केदारनाथ हेली सेवाओं के लिए तीन साल के लिए टेंडर किए थे। इसमें यह तय किया गया था कि तीन साल तक हेली सेवा का किराया नहीं बढ़ाया जाएगा। इसी आधार पर हेली कंपनियों से अनुबंध भी किया गया। इस वर्ष अनुबंध की सीमा समाप्त हो चुकी है।
ऐसे में नागरिक उड्डयन विभाग ने नए सिरे से किराया तय करने के लिए टेंडर आमंत्रित किए। इसमें न्यूनतम किराया दर भी तय की गई। शर्त यह रखी गई कि एक कंपनी एक सेक्टर में एक ही टेंडर डालेगी। इसका उद्देश्य यह है कि किसी एक कंपनी का एक सेक्टर में प्रभाव न रहे और वह किराये की दरों में खेल न कर सके। बीते वर्षों में 12-13 हेली कंपनियां टेंडर में सम्मिलित होती थीं। सूत्रों की मानें तो यूकाडा को दबाव में लाने के लिए कुछ कंपनियों ने आपस में गठजोड़ कर लिया और टेंडर प्रक्रिया से पीछे हट गई।
टेंडर प्रक्रिया पूरी न होने पर ये अपनी शर्तों के हिसाब से यूकाडा से हेली सेवाओं के लिए करार कर सकेंगी। टेंडर की अंतिम तिथि आने तक गुप्तकाशी के दो हेलीपैड के लिए एक, फाटा के चार हेलीपैड के लिए दो और सिरसी में तीन हेलीपैड के लिए दो ही टेंडर आए हैं। यानी नौ हेलीपैड के सापेक्ष केवल पांच ही हेलीपैड के लिए चार हेली कंपनियों ने रुचि दिखाई है। वहीं, हेमकुंड साहिब के लिए गोविंदघाट से शुरू होने वाली हेली सेवा के लिए एक ही टेंडर आया है।
– टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। इस वर्ष कुछ कम टेंडर आए हैं। इनका अध्ययन चल रहा है। इसके बाद शीघ्र ही अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
-दिलीप जावलकर, सचिव नागरिक उड्डयन, उत्तराखंड।
यूकाडा के सामने दो ही विकल्प
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अब यूकाडा के सामने दो ही विकल्प बचे हैं या तो वह दोबारा टेंडर करे, जिसमें गठजोड़ करने वाली हेली कंपनियां अन्य कंपनियों को अपने साथ मिला सकती हैं। इससे किराया हेली कंपनियों की मनमर्जी का होगा। दूसरा यह कि यूकाडा आए हुए टेंडर में न्यूनतम किराया तय करते हुए अन्य हेली कंपनियों को इन्हीं दरों पर हेली सेवाओं का संचालन करने को कहे।