देहरादून। फिलहाल मार्च तक के लिए भले ही 72 लाख यूनिट बिजली केंद्र सरकार ने अपने गैर आवंटित कोटे से दे दी हो, लेकिन प्रदेश में अप्रैल, मई, जून में भारी बिजली संकट होने की आशंका है। इससे पार पाने के लिए राज्य सरकार अब केंद्र से मार्च 2024 तक के लिए 400 मेगावाट (96 लाख यूनिट) बिजली की मांग करने जा रही है।
सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि इस बार बारिश कम होने से गर्मी में बिजली की ज्यादा मांग के आसार हैं। फिलहाल 31 मार्च तक के लिए तो केंद्र ने अपने विशेष कोटे से 72 लाख यूनिट बिजली दे दी है लेकिन एक अप्रैल से फिर कमी शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि गर्मियों के सीजन में बिजली की मांग पिछले वर्षों में पांच करोड़ यूनिट प्रतिदिन तक पहुंची है।
इस साल भी यह मांग इतनी जाने की संभावना है। बताया कि गर्मियों के सीजन में सामान्य तौर पर 400 मेगावाट (96 लाख यूनिट) और पीक आवर्स में 800 मेगावाट (1.92 करोड़ यूनिट) तक बिजली की किल्लत हो सकती है। लिहाजा, सरकार अब केंद्र सरकार से मार्च 2024 तक 96 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति गैर आवंटित कोटे से करने की मांग की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस संबंध में शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात करेंगे।
राज्य में दो गैस आधारित बिजली प्लांट काशीपुर में हैं। इन दोनों ने 321 मेगावाट बिजली मिलती है। गैस महंगी होने की वजह से ये बंद पड़े हुए थे। 28 फरवरी को केंद्र की बैठक के बाद तय हुआ है कि इन प्लांटों को चलाया जा सकता है। दोनों बिजली प्लांट मालिकों ने बिडिंग में हिस्सा लिया था, जिसमें गैस की कीमत 16 डॉलर के आसपास आ रही है, जिससे राज्य को बिजली करीब 12 रुपये यूनिट मिलेगी। राज्य ने 15 डॉलर तक की सहमति दी हुई है, जिससे बिजली 10 रुपये यूनिट तक मिलेगी। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि कम कीमत पर गैस उपलब्ध होने की उम्मीद प्रबल हो रही है। जिससे गैस आधारित प्लांट चल सकेंगे। इनसे राज्य को 77 लाख यूनिट मिलने लगेगी।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि प्रदेश में बिजली संकट को देखते हुए वह लघु अवधि (शॉर्ट टर्म) के साथ ही मध्यम अवधि (मीडियम टर्म) की निविदा से बिजली खरीद कर रहे हैं। बताया कि इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर एनर्जी एक्सचेंज से भी बिजली खरीदी जाती है।
होली पर रही राहत, फिर 3.9 करोड़ की डिमांडहोली के दिन यूपीसीएल को बिजली की भारी मांग से राहत रही। होली पर प्रदेशभर में कुल 2.6 करोड़ यूनिट बिजली की मांग रही, जिसके सापेक्ष यूपीसीएल के पास राज्य व केंद्रीय पूल से कुल 2.3 करोड़ यूनिट बिजली उपलब्ध थी। हालांकि बृहस्पतिवार को बिजली की मांग बढ़कर फिर 3.9 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई।