देहरादून। उत्तराखंड की जिन 582 मलिन बस्तियों के 11 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने घर का लाभ नहीं मिल पाया, अब उनका विकास राज्य सरकार करेगी। कैबिनेट ने इस पर खर्च होने वाले बजट के लिए प्रावधान कर दिए हैं।
दरअसल, पीएम आवास योजना शहरी में यह प्रावधान किया गया था कि मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए पीपीपी मोड में आवासीय भवन बनेंगे। लेकिन योजना की अवधि में कोई भी प्रस्ताव नहीं आया।
केंद्र सरकार ने योजना की अवधि बढ़ाई तो मलिन बस्तियों का यह प्रावधान हटा दिया। अब राज्य सरकार ने इस बस्तियों के पुनरोद्धार की योजना बनाई है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नगर निगम देहरादून ने एक मलिन बस्ती के विकास के लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिया था लेकिन इसके लिए बजट की राह नहीं निकल पा रही थी।
अब सरकार ने तय किया है कि विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास करने के लिए वसूले जाने वाले विकास शुल्क का 10 प्रतिशत हिस्सा अब हर साल मलिन बस्तियों के विकास पर खर्च किया जाएगा। इस फैसले का लाभ सबसे पहले नगर निगम के प्रोजेक्ट को मिल सकता है।
विकास शुल्क से मिलने वाली धनराशि का पूरा वितरण, व्यय और सुनवाई से संबंधित कार्रवाई मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। इसमें संबंधित प्राधिकरण के उपाध्यक्ष या डीएम सदस्य सचिव होंगे और नगरग आयुक्त, मुख्य नगर अधिकारी, अधिशासी अधिकारी इस समिति में सदस्य होंगे।