देहरादून। तीन कारोबारियों ने फर्जी कंपनियां बनाकर सरकार को 24 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। इनमें से एक कंपनी ने आठ माह के दरम्यान 120 करोड़ रुपये का टर्नओवर दर्शाया था। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि जिन पतों पर ये कंपनियां दर्शाई गई थीं वहां कोई और रहता है।
इन नामों की कोई कंपनियां वास्तव में है ही नहीं। इस मामले में सहायक आयुक्त सीजीएसटी की शिकायत पर तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी क्राइम सर्वेश पंवार ने बताया कि मामले में सहायक आयुक्त सीजीएसटी ज्योति बर्मन ने शिकायत की है।
उन्होंने पुलिस को बताया कि संजय ठाकुर ने अपनी फर्म मैसर्स ठाकुर ट्रेडर्स को 21 अप्रैल 2022 को जीएसटी में पंजीकृत कराया था। यह फर्म लोहे के कबाड़ का कारोबार करने वाली बताई गई थी। पिछले दिनों जब कंपनी की ओर से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के लिए क्लेम किया गया तो मामला सामने आया।
पता चला कि आठ माह के भीतर कंपनी का टर्नओवर करीब 120 करोड़ रुपये है। कंपनी की पड़ताल के दौरान इसके पते इंदिरा कॉलोनी नेशविला रोड पर सत्यापन किया गया। पता चला कि यहां पर कोई कंपनी नहीं है। यह घर किसी और व्यक्ति का था।
मैसर्स ठाकुर ट्रेडर्स ने ज्यादातर लेनदेन शाहरुख मोहम्मद की कंपनी मैसर्स एमरात इंटरप्राइजेज चुक्खुवाला बकरालवाला रोड और सुनील कुमार की कंपनी मैसर्स एसके ट्रेडर्स नेशविला रोड से किया है। इन दोनों के पतों पर तस्दीक की गई तो यहां भी कोई और रहता हुआ मिला।
सीजीएसटी ने जांच में पाया कि इस कारोबार से सरकार को कुल 24 करोड़ रुपये की हानि हुई है। इस मामले में आगे की जांच सीजीएसटी कर रहा है। लेकिन, फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के आरोप में संजय, शाहरुख और सुनील कुमार के खिलाफ कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।