देहरादून। चारधाम यात्रा के लिए सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है। मंगलवार से रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल खुल गया है। वहीं, बदरीनाथ और केदारनाथ में दर्शन के लिए पहले दिन रिकॉर्ड 31 हजार श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया।
चारधाम यात्रा की तैयारियों के संबंध में मुख्य सचिव एसएस संधु ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने की जानकारी दी है। कहा, इस साल नई व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सभी मुख्य सचिवों से अनुरोध किया गया कि वे अपने राज्य के लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू होने की जानकारी दें ताकि चारधाम यात्रा पर आने वाले लोगों को समय पर इसकी जानकारी मिल जाए। पत्र में कहा, पर्यटक एक ही दिन में न आएं, ताकि भीड़ न जुटे। रजिस्ट्रेशन के मुताबिक, लोग आएंगे, तो इससे श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। उन्हें दर्शन भी अच्छे होंगे और सुरक्षा का भी ख्याल रहेगा।
चारों धामों में कतार प्रबंधन के लिए स्लॉट टोकन सिस्टम लागू होगा। पर्यटन, लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रियों की सुविधा के लिए सभी विभागों को समय से होमवर्क तैयार करने के निर्देश दिए।
चारधाम में तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित करने पर तीर्थ पुराहितों ने आपत्ति जताई है। तीर्थ पुरोहित महापंचायत को इस बात पर ऐतराज है कि इस संख्या को तय करने से पहले उनसे वार्ता ही नहीं की गई। बहरहाल, अब सरकार ने तय किया है कि सभी हितधारकों से बातचीत के बाद ही तीर्थयात्रियों की संख्या तय की जाएगी।
पर्यटन विभाग ने चारधाम यात्रा के लिए प्रतिदिन आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या का प्रस्ताव तैयार किया था। इसमें बदरीनाथ धाम में 18 हजार, केदारनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में नौ हजार व यमुनोत्री में छह हजार की संख्या का प्रस्ताव था। इस पर उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत में आपत्ति जताई है।
महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल का कहना है कि इस तरह के निर्णय लेने से पहले राज्य सरकार को तीर्थ पुरोहितों और इन धामों की मंदिर समितियों से वार्ता करनी चाहिए। महापंचायत पदाधिकारियों ने सरकार के इस निर्णय को अव्यवहारिक बताते हुए वापस लेने की मांग की।
अबकी पिछले साल से ज्यादा तीर्थयात्रियों के चारधाम यात्रा में आने का अनुमान है, इसलिए फरवरी से ही इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। गत वर्ष केदारनाथ में 12 हजार, बदरीनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में छह हजार और यमुनोत्री में चार हजार तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित थी, जिसे सभी हितधारकों से बातचीत के बाद बढ़ाने जा रहे हैं।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड सरकार