देहरादून। जोशीमठ भू-धंसाव प्रकरण में वैज्ञानिक व तकनीकी संस्थाओं की फाइनल रिपोर्ट को इस सप्ताह के अंत तक अंतिम रूप दिया जा सकता है। एनडीएमए ने इस काम में जुटे सभी आठ तकनीकी संस्थाओं को अगले तीन-चार दिन में समन्यव बनाते हुए रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को नई दिल्ली में इस संबंध में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सचिव कमल किशोर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में तकनीकी संस्थाओं के प्रतिनिधि वर्चुअली जुड़े। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों की रिपोर्टों में विरोधाभास झलक रहा है। ऐसे सभी तकनीकी संस्थानों को कहा गया है कि वे अपने-अपने सर्वे का डेटा एक-दूसरे के साथ साझा करते हुए फाइनल रिपोर्ट को अंतिम रूप दें।
इस संबंध में अगले तीन-चार दिन बाद पुनः बैठक हो सकती है। बैठक मेें पुनर्वास और विस्थापन के मुद्दे पर कहा गया कि यह राज्य सरकार से जुड़ा विषय है। हालांकि राज्य सरकार भी इस मुद्दे पर आगे बढ़ने से पहले तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
इधर, राज्य सरकार को भी एनडीएमए की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार है। सचिव आपदा प्रबंधन विभाग डॉ. रंजीत सिन्हा का कहना है कि एनडीएमए से फाइनल रिपोर्ट मिलने के बाद ही तमाम पहलुओं पर आगे बढ़ा जाएगा। विस्थापन और पुनर्वास के मुद्दे पर पहले ही हाईपावर कमेटी की अपनी संस्तुति दे चुकी है, जिसे कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।