चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा और व्यवस्था के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। पंजीकरण से लेकर दर्शन के लिए इस बार नई व्यवस्था भी लागू की जाएगी। चारोंधामों के कपाट खुलने की तिथि तय होने के बाद पंजीकरण शुरू किया जाएगा।
-सचिन कुर्वे, सचिव पर्यटन
देहरादून। पिछले साल चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की रिकॉर्ड संख्या को देखते हुए इस बार यात्रा को सुगम बनाने के लिए सरकार नए इंतजाम करने जा रही है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए व्यवस्था बनाई जाएगी।
इस साल अप्रैल के तीसरे सप्ताह से चारधाम यात्रा का आगाज हो जाएगा। बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। जबकि केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होनी बाकी है। कोविड महामारी के चलते दो साल बाद हुई चारधाम यात्रा में बीते साल 45 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने का रिकॉर्ड बना था। कपाट खुलते ही केदारनाथ, बदरीनाथ धाम में क्षमता से अधिक यात्री दर्शन के लिए पहुंच गए। जिस कारण अव्यवस्थाओं की पोल खुली थी। जिससे इस बार सरकार पहले से ही यात्रा की तैयारियों में जुटी है।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के बाद तीर्थयात्रियों का सत्यापन किया जाएगा। पंजीकरण की व्यवस्था आनलाइन के साथ आफलाइन भी रहेगी। चारोंधामों के कपाट खुलने की तिथि तय हाेने के साथ ही पर्यटन विभाग यात्रा शुरू होने के एक माह पहले पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर देगा। इससे तीर्थयात्रियों को आसानी होगी।
यात्रा के दौरान धामों में दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों को घंटों तक लाइन में खड़ा होना पड़ता है, लेकिन इस बार तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए लाइन प्रबंधन प्रणाली को लागू किया जाएगा। जिसमें धाम में पहुंचते ही यात्रियों को दर्शन के लिए टोकन दिया जाएगा। इस टोकन से दर्शन के लिए समय तय होगा। जिससे तीर्थयात्री आराम से दर्शन कर सकेंगे।
केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में पैदल चलने में असमर्थ श्रद्धालु घोड़े खच्चरों से जाते हैं। बीते वर्ष केदारनाथ पैदल मार्ग पर लगभग 351 घोड़े-खच्चरों की मौत हुई थी। इसे देखते हुए इस बार पंजीकरण से पहले पैदल मार्ग पर चलने वाले घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। इसके लिए फाटा में जांच केंद्र बनाया जा रहा है। इसके अलावा पैदल मार्ग पर जगह-जगह घोड़े खच्चरों के पीने के लिए गरम पानी की व्यवस्था की जा रही है। पिछले साल केदारनाथ पैदल मार्ग पर 8512 और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर 2900 घोड़े-खच्चर पंजीकृत थे। अकेले केदारनाथ में घोड़े-खच्चर मालिकों ने 109 करोड़ का कारोबार किया था।
केदारनाथ के लिए सिरसी, फाटा और गुप्तकाशी से हेली सेवा के संचालन के लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी माह हेली सेवा के लिए एविएशन कंपनी का चयन किया जाएगा। इससे पहले 2020 में हेली सेवा के लिए तीन साल का टेंडर किया था। इन तीन सालों में हेली सेवा का किराया नहीं बढ़ा। लेकिन अब आगामी तीन सालों के लिए हेली सेवा के लिए कंपनियों के साथ अनुबंध होगा। जिससे किराये में बढ़ोतरी की संभावना है। बीते वर्ष यात्रा के दौरान 1.36 लाख तीर्थयात्री हेली सेवा से केदारनाथ पहुंचे थे।