
गरमपानी। उत्तराखंड का यह रसीला रायता सर्दी में चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए पर्वतीय अंचल का पुराना स्वाद है। यह पाककला सदियों पुरानी है। विशेषज्ञ न होकर भी जिस तरह पूर्वजों ने मौसम व ऋतुओं के अनुरूप व्यंजन, पकवान व सलाद आदि को अपने भोजन में शामिल कर विरासत के रूप में आने वाली पीढ़ियों के लिए दे गए।
ठीक वैसे ही प्रकृति भी हमें मौसम के अनुरूप फल व सब्जियां देकर सेहत संवारने की राह दिखाती है। आज हम आपको व्यंजनों से हटकर पहाड़ के रसीले फल माल्टा की रिसिपी के बारे में बताते हैं। सर्दी से बचाव हो या विटामिन-सी व अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति का मामला अथवा कैलोरी प्राप्त करने का जरिया, हाड़ कंपाने वाली इस ठंड में माल्टा का रायता सुरक्षा कवच देता है।
सर्दियों में सहेत का दोस्त माल्टा में कैलोरी वसामुक्त होती है। एक अध्ययन के अनुसार माल्टा का सेवन करने से 70 फीसद विटामिन सी मिलता है। यानि रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाकर हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसका रेशा पाचनतंत्र को ठीक रखता है। लगे हाथ कालेस्ट्राल व ब्लडशुगर को भी काबू में रखता है।
दिल का मित्र भी कहा जाता है माल्टा-
- एंटीआक्सीडेंट फल होने से इसे दिल का मित्र भी कहा जाता है।
- इसके अलावा विटामिन-बी, कैल्शियम, फास्फोरस आदि भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- माल्टा का रायता बनाने में प्रयुक्त जखिया, सरसों दाने, शहद आदि औषधीय लाभ तो देते ही हैं।
- सिल पर पीसकर तैयार पर्वतीय नमक स्वाद के साथ शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में मदद देता है।
- वैसे तो रसीला माल्टा पोषक तत्वों का खजाना है लेकिन औषधीय गुणों से भरपूर सामग्री मिलाए जाने से फायदे भी बढ़ जाते हैं।
ऐसे तैयार करें रायता-
- माल्टा के दानों को छिलकर बीज निकाल छोटे-छोटे पीस कर डौंगे में रख लें।
- ध्यान रहे धूप में न रखें।
- फिर हरा धनिया व लहसुन की पत्तियों के साथ भंगीरा बीज, अदरक, हरी मिर्च, लहसुन की फलियां सिल पर बट्टे की मदद से पीसें।
- काला या सैंधा नमक मिलाने के बाद इसमें जखिया व सरसों के साबुत दाने मिक्स कर छोटे टुकडों में बांटे गए माल्टे में मिक्स कर लें।
- पूरा मिलाने के बाद ऊपर से शहद डाल दें। स्वाद बढ़ाने के लिए घर के दूध की मलाई भी मिला सकते हैं।
- फिर कटोरे में सर्व करें रसीले माल्टे के जायके का स्वाद लें।