यूं तो देश के अलग-अलग कोने में कुछ अलग व नया देखने को मिलता है। लेकिन राजस्थान राज्य अपनी संस्कृति के साथ-साथ एतिहासिक महत्व के कारण भी लोग दूर-दूर से इस राज्य में घूमने के लिए आते हैं। राजस्थान राज्य का जोधपुर शहर एक बेहतरीन पर्यटन स्थल में से एक है। यह उन लोगों के लिए एक बेहरीन प्लेस है, जो राज्य के कल्चर को करीब से देखना चाहते हैं। जोधपुर शहर में कई बेहतरीन प्लेसेस हैं, जिन्हें एक ट्रेवलर को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको जोधपुर शहर में देखने लायक कई बेहतरीन जगहों के बारे में बता रहे हैं-
मेहरानगढ़ किला
मेहरानगढ़ किला निस्संदेह जोधपुर में घूमने के लिए सबसे अच्छा पर्यटन स्थल है। यह 410 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है और इसके भीतर कई महल हैं। 1460 में राव जोधा द्वारा निर्मित, किला अपनी जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है। इस किले को अब एक संग्रहालय में बदल दिया गया है जो जोधपुर की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाता है।
घंटाघर और सदर बाजार
घंटाघर जोधपुर का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह वह स्थान है जहां से पुराना जोधपुर शुरू होता है। सरदार मार्केट के बगल में पुराने शहर में स्थित, यह एक लंबा विशाल टावर है जिसे महाराजा सरदार सिंह ने 1880 और 1911 के बीच अपने शासन के दौरान बनाया था। रात में क्लॉक टॉवर सुंदर रोशनी से जगमगाता है और अद्भुत लगता है। सदर मार्केट जोधपुर के सबसे प्रमुख शॉपिंग डेस्टिनेशन में से एक है।
सरदार गवर्नमेंट म्यूजियम
यह जोधपुर में इतिहास प्रेमियों के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यह म्यूजियम आपको राजस्थान के बीते युग के बारे में एक महान जानकारी देगा। सरदार गवर्नमेंट म्यूजियम का निर्माण एडवर्डियन वास्तुकार हेनरी वॉन लैंचेस्टर ने महाराजा उम्मेद सिंह के शासन के दौरान किया था। इसका नाम महाराजा सरदार सिंह के नाम पर रखा गया था। यह एक पुराना म्यूजियम है जो राजाओं और अन्य ऐतिहासिक चीजों के चित्रों को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा, यहां पर पत्थर की मूर्तियों, लघु चित्रों, टेराकोटा, धातु की वस्तुओं, हथियारों, सिक्कों और कला और शिल्प वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है।
उम्मेद भवन पैलेस
यह संभवतः जोधपुर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। महल का इंटीरियर इंडो-सरसेनिक, क्लासिकल रिवाइवल और वेस्टर्न आर्ट डेको शैलियों के साथ डिजाइन किया गया है। जिसे अब एक हैरिटेज होटल में बदल दिया गया है। बता दें कि उम्मेद भवन 1943 में बनाया गया था। पैलेस में 347 कमरे हैं। यह आजादी से पहले भारत में बना आखिरी महल भी है। इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट हेनरी लैंकेस्टर ने डिजाइन किया है। महल के एक हिस्से में एक संग्रहालय भी है जो शाही युग की कलाकृतियों को प्रदर्शित करता है, जिसे देखना यहां की सबसे अच्छी बात है।