देहरादून। उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद (यूबीटीईआर) ने 25 जुलाई 2015 को राजकीय पर्यवेक्षक के 76 पदों पर भर्ती परीक्षा 475 केंद्रों पर कराई थी। इसमें 1,89,423 उम्मीदवार शामिल हुए थे। परीक्षा के दिन ही पेपर लीक हो गया था, जिसके बाद परिषद को यह परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। इसके बाद सरकार ने प्रदेश में समूह-ग भर्तियों के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्थापना कर दी थी।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने समूह-ग की करीब 84 भर्तियां कराई, लेकिन पिछले साल आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती, सचिवालय सुरक्षा संवर्ग रक्षक भर्ती और वन दरोगा भर्ती का पेपर लीक सामने आया। कई अन्य भर्तियों पर भी सवाल उठे थे। उम्मीदवारों का भरोसा डगमगा गया। लिहाजा, सरकार ने समूह-ग की भर्तियां उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को सौंप दी थीं।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) ने पिछले साल सितंबर से समूह-ग की भर्तियों का कैलेंडर जारी किया। इसी हिसाब से परीक्षाएं शुरू हुईं, लेकिन आठ जनवरी को हुई पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। यह आयोग की पहली ऐसी परीक्षा है, जिसका पेपर लीक हुआ है। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर प्रदेश में समूह-ग भर्तियों की परीक्षाएं कौन कराए।