देहरादून। उत्तराखंड में 65 लाख से अधिक लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगवाई है। कोरोना की तीसरी लहर सामान्य होने के बाद कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले लोगों ने बूस्टर डोज को नजरअंदाज किया। प्रदेश में अब तक 12 वर्ष से ऊपर सभी आयु वर्ग में 25 प्रतिशत ने ही कोविड का तीसरा टीका लगवाया है।
वहीं, 60 वर्ष से अधिक आयु के 60 प्रतिशत बुजुर्गों को तीसरी खुराक लग चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश की अनुमानित आबादी 1.21 करोड़ आंकी गई है। इसमें 12 वर्ष से अधिक आयु वालों की आबादी 89.35 से अधिक है। इन्हें कोविड वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया।
प्रदेश में लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली व दूसरी डोज लग चुकी है, लेकिन 65 लाख से अधिक लोग हैं, जिन्होंने तीसरी टीका नहीं लगवाया है। चीन समेत अन्य देशों में कोविड की भयावह स्थिति देखते हुए प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। 23 दिसंबर से प्रदेश में फिर से बूस्टर डोज के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान शुरू किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के पास वर्तमान में कोविशील्ड और कोवॉक्सिन की 10 हजार डोज है। केंद्र सरकार ने पहले ही आदेश जारी कर कोविड वैक्सीन देने से इनकार कर दिया था। राज्यों को स्वयं वैक्सीन की व्यवस्था करने को कहा गया था। सरकार ने बूस्टर डोज के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। ऐसे में विभाग के पास वैक्सीन की कमी रहेगी।
बूस्टर डोज लगाने में ऊधमसिंह नगर जिला सबसे पीछे है। इस जिले में लक्ष्य के सापेक्ष 18 प्रतिशत को तीसरी खुराक लगाई गई। जबकि उत्तरकाशी जिला बूस्टर डोज लगाने में 47 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है। चमोली जिले में 39.4 प्रतिशत के साथ दूसरे और टिहरी 33 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है।