हरिद्वार। बहादराबाद क्षेत्र में एक विक्षिप्त युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। संदिग्धों से पूछताछ के बाद आरोपितों की पहचान भी कर ली गई है। पुलिस उनकी तलाश में जुट गई है। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि मानसिक रूप से विक्षिप्त एक युवती के साथ पड़ोस में रहने वाले दो युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। कई दिन बाद पीड़िता ने अपने परिवार को आपबीती बताई।
शिकायत मिलने पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दोनों आरोपितों की तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ऊधमसिंह नगर के काशीपुर में अगवाकर जेएनएम की छात्रा से दुष्कर्म मामले का राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। इस प्रकरण में आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने ऊधमसिंह नगर के एसएसपी को फोन कर आरोपित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट आयोग को भेजने के निर्देश दिए हैं।
आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बताया कि काशीपुर में जेएनएम का कोर्स कर रही छात्रा एक निजी अस्पताल से प्रैक्टिस कर रही थी। बीते 29 नवंबर की शाम को कुछ शरारती तत्वों ने उसे अगवा कर लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। कंडवाल ने बताया कि उन्होंने एसएसपी से फोन पर मामले की की पूरी जानकारी ली। जिसमें एसएसपी ने बताया कि आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। कंडवाल ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आरोपितों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील है। ऐसे में यहां पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए।
चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को विशेष न्यायाधीश पोक्सो की अदालत ने 20 वर्ष का कारावास और बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक चंद्रवीर सिंह नेगी ने बताया कि नई टिहरी के जौनपुर ब्लाक के तहत एक व्यक्ति ने 15 नवंबर 2020 को थाना कैम्पटी में चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में पोक्सो के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
बताया कि वह 15 नवंबर 2020 को अपनी छानी में गया था। घर पर उसकी पत्नी व बच्चे थे। दोपहर को उसकी चार वर्षीय बेटी रोते हुए घर आई तो उन्हें उसके साथ दुष्कर्म की जानकारी मिली। बच्ची ने बताया कि उन्हीं के गांव के रिश्ते में ताऊ महेंद्र सिंह रावत ने गलत काम किया है। इस पर उन्होंने थाना कैम्पटी में आरोपित महेंद्र सिंह रावत के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया।
इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश पोक्सो योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने अभियुक्त को 20 वर्ष का सश्रम कारावास और बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। बीस हजार में से 15 हजार पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दिया जाएगा।