देहरादून। उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण के खिलाफ एसआईटी ने जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है। जांच में वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। डीआईजी पी रेणुका देवी की अध्यक्षता में बनी एसआईटी ने बिजल्वाण और उनके साथियों पर मुकदमे की सिफारिश की है। शासन के निर्णय के बाद मुकदमा दर्ज हो सकता है।
दो साल से जिला पंचायत उत्तरकाशी के अंतर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों को लेकर उंगली उठ रही थी। इस संबंध में शिकायतें शासन तक भी पहुंचीं। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण पर आरोप है कि बिना कार्य कराए ही कार्यदायी संस्था और ठेकेदारों को भुगतान कर दिया। टेंडर आवंटन में भी पारदर्शिता का ध्यान नहीं रखा गया।
शिकायत पर शासन ने पहले उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और फिर मंडलायुक्त से जांच कराई। जांच में प्रथमदृष्ट्या आरोप सही पाए गए। उत्तरकाशी जिला पंचायत के तत्कालीन प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी अभियंता संजय कुमार और जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को जिम्मेदार ठहराया गया।
इसके बाद शासन ने बिजल्वाण को अक्टूबर 2021 में कारण बताओ नोटिस जारी किया। उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। ऐसे में बिजल्वाण और प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी को पद से हटा दिया गया। जनवरी 2022 में शासन ने डीआईजी पी रेणुका देवी और एसपी उत्तरकाशी को शामिल करते हुए एसआईटी का गठन किया।
एसआईटी ने करीब 10 महीने में जांच पूरी कर ली है। एडीजी कानून व्यवस्था एवं पुलिस प्रवक्ता वी मुरुगेशन ने बताया कि जांच में वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। मुकदमे की सिफारिश के साथ रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। शासन जल्द ही मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे सकता है।
पद से हटाए जाने के शासन के निर्णय के खिलाफ बिजल्वाण जनवरी में ही हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी पर विचार करते हुए उन्हें बहाल करने के आदेश दिए थे। लेकिन, वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए एसआईटी जांच जारी रखने को कहा था। अब माना जा रहा है कि बिजल्वाण पर फिर से कार्रवाई हो सकती है।