देहरादून। राजाजी टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में घने जंगलों के बीच नदी में वाहन उतारकर तेज आवाज में गाने बजाना और मौजमस्ती करना हरियाणा के पर्यटकों भारी पड़ गया। टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने इन पर्यटकों को पकड़ा और इनका चालान किया। राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बड़ोला ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि पर्यटकों को प्रतिबंधित क्षेत्र में वाहनों के साथ न जाने दिया जाए।
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बड़ोला ने बताया कि रविवार को हरियाणा के कुछ पर्यटक यहां टाइगर रिजर्व में सफारी करने आए थे। सफारी करने के बाद सभी पर्यटक चीला रेंज से ऋषिकेश की ओर निकल लिए। इस बीच टाइगर रिजर्व से बाहर निकलने के बजाय उन्हाेंने अपने वाहनों को टाइगर रिजर्व के बीचोबीच से गुजरने वाली बीन नदी में उतार दिया और घने जंगल के बीच प्रतिबंधित क्षेत्र में चले गए।
यहां यह पर्यटक वाहनों में लगे म्यूजिक सिस्टम के जरिये तेज आवाज में गाने बजाने लगे। साथ ही नदी में उतरकर मौजमस्ती करने लगे। जैसे ही इसकी भनक टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को लगी तो वह तुरंत मौके पर पहुंच गए। यहां इन पर्यटकों को पकड़ लिया गया। इस पर यह पर्यटक अधिकारियों से माफी मांगने लगे। जिस पर इनके वाहनों का चालान कर छोड़ दिया गया।
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बड़ोला ने बताया कि प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है। साथ ही वाहनों को भी सीज कर दिया जाता है। बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व को बीती 15 नवंबर को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां वन्यजीवों का दीदार करने पहुंच रहे हैं। हालांकि, इस दौरान जंगल के नियमों की जानकारी होना भी बेहद जरूरी है।
राजाजी टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए खोलने के साथ ही टाइगर रिजर्व से सटे इलाकों में कुछ दुकानदारों ने पिज्जा, चाऊमीन, बर्गर समेत खाने-पीने की दुकानें सजा ली हैं। दुकानदारों द्वारा फेंके जाने वाले कचरे को खाने के लिए टाइगर रिजर्व के वन्यजीव इन इलाकों में आ रहे हैं। जिसे गंभीरता से लेते हुए निदेशक डॉ. बड़ोला ने इन दुकानों को हटाने के निर्देश दिए हैं।