देहरादूfन। उत्तराखंड के सिनेमा को बचाना है तो इसकी शैली में बदलाव करना होगा। उत्तराखंड की फिल्मों में बॉलीवुड के बड़े कलाकारों को लेकर उन्हें आधुनिकता से जोड़ा जाए। हालांकि, इसमें यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि फिल्म की आत्मा उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित हो। यह कहना है बॉलीवुड और टेलीविजन जगत के मशहूर अभिनेता बृजेंद्र काला का।
शुक्रवार को राजपुर रोड स्थित सिल्वर सिटी मॉल में आयोजित देहरादून फिल्म फेस्टिवल में पहुंचे अभिनेता बृजेंद्र काला ने साक्षात्कार में कहा कि वह मूलरूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से हैं। इसलिए चाहते हैं कि गढ़वाली सिनेमा भी लोगों के दिलों में राज करे। उत्तराखंड के सिनेमा ने शुरुआत में अच्छा काम किया, लेकिन समय के साथ इसकी लोकप्रियता भी खोने लगी।
आज उत्तराखंड के सिनेमा को एक नया रूप देेने की जरूरत है। जिसके तहत फिल्म की कहानी और संस्कृति तो सब गढ़वाल और कुमाऊं पर आधारित हो, लेकिन इसमें लोकल के साथ बॉलीवुड कलाकारों को भी शामिल किया जाए। जिससे लोगों का इन फिल्मों के प्रति रुझान बढ़ेगा।
अभिनेता बृजेंद्र काला ने कहा कि उन्हें मौका मिलेगा तो वह जरूरी गढ़वाली फिल्म का हिस्सा बनेंगे। सोशल मीडिया पर चल रहे बॉलीवुड बायकॉट के ट्रेंड पर बृजेंद्र काला ने कहा कि यह सब राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को अभिनय के क्षेत्र में भी आगे आना चाहिए, क्योंकि आज बहुत से प्लेटफार्म हैं, जहां अच्छे अभिनय को मौका दिया जाता है।
अभिनेता बृजेंद्र काला ने उत्तराखंड के युवाओं से आह्वान किया कि वह किसी भी क्षेत्र में कार्य करें तो पूरे दिल से करें। जीवन में कभी भी हताशा न लाएं, क्योंकि निरंतर प्रयास करने से ही सफलता मिलती है।