देहरादून। अगर आपकी उम्र 18 साल होने जा रही है तो अपना वोट बनवा लें। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बुधवार से विशेष अभियान शुरू कर दिया है। नवंबर और दिसंबर में चार दिन सभी बूथों पर बीएलओ भी मिलेंगे। बुधवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि नौ नवंबर से आठ दिसंबर तक अभियान चलाया जाएगा।
इसमें नए मतदाताओं को जोड़ने के साथ ही नाम हटाने, पता बदलने आदि की सुविधा होगी। 19 नवंबर, 20 नवंबर, तीन दिसंबर व चार दिसंबर को प्रदेशभर में विशेष अभियान होगा, जिसमें सभी बूथों पर बीएलओ मौजूद रहेंगे। आप अपना वोट जाकर बनवा सकते हैं। अगले साल पांच जनवरी को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्तूबर 2023 को 18 साल की उम्र पूरी करने वाले युवा भी अपने वोट इस अभियान के दौरान बनवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक बूथ से दूसरे बूथ या एक विधानसभा से दूसरी विधानसभा में नाम बदलने पर फार्म-6 या फार्म-7 के बजाय केवल फार्म-8 ही भरना होगा। प्रेस वार्ता में संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप शाह, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास और स्वीप के नोडल अधिकारी मोहम्मद असलम मौजूद रहे।
किसके लिए कौन सा फार्म
फॉर्म-6 – नए मतदाता बनने के लिए
फॉर्म-6 ख – स्वेच्छा से आधार नंबर अपडेट कराने के लिए
फार्म-7 – मतदाता सूची से नाम हटाने या नाम जोड़ने के लिए
फार्म-8 – वोटर लिस्ट से जुड़ी कोई गलती ठीक कराने, दूसरा मतदाता पहचान पत्र बनवाने, दिव्यांग चिन्हीकरण, पता बदलने आदि के लिए
प्रदेश में पोलिंग स्टेशनों की संख्या में आई गिरावट
प्रदेश में पोलिंग स्टेशनों की संख्या में कमी हो गई है। वहीं, चुनाव आयोग ने उत्तराखंड सहित चार राज्यों में ईआरपी का नया सॉफ्टवेयर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया है, जिससे मतदाताओं को भी एक विधानसभा से दूसरी में जाने में आसानी होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव में 11 हजार 647 पोलिंग स्टेशन थे। नए सिरे से इनमें कसरत की गई, जिसके बाद अब इनकी संख्या 11 हजार 574 रह गई है। दो किलोमीटर से अधिक पैदल दूरी के 42 मतदेय स्थल हैं।
1500 से अधिक संख्या होने पर चार नए मतदेय स्थल प्रस्तावित किए गए हैं। 119 एक ही भवन में एक से अधिक मतदेय स्थलों का समायोजन किया गया है। 1500 से अधिक मतदाता होने के चलते 63 मतदेय स्थलों का दूसरे में समायोजन किया गया है। 172 मतदेय स्थल ऐसे हैं, जिसमें शिक्षण संस्थान का नाम परिवर्तन आदि हुआ है। 64 पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं, जिनके भवन जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं। 73 मतदेय स्थल कम होने के बाद प्रदेश में 11 हजार 574 रह जाएंगे।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप शाह ने बताया कि चुनाव आयोग ने उत्तराखंड, असम, गोवा और बिहार में ईआरओ नेट वर्जन 2.0 बतौर पायलट प्रोजेक्ट लांच किया है। इस बार का पूरा अभियान इसी सॉफ्टवेयर के माध्यम से चलेगा। बताया जा रहा है कि इस एडवांस सॉफ्टवेयर के आने के बाद मतदाताओं और निर्वाचन विभाग के लिए काफी सहूलियतें हो जाएंगी।