देहरादून। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण में वन्यजीवों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व क्षेत्र में परियोजना से होने वाले दुष्परिणामों को कम करने के लिए अधिक से अधिक ग्रीन एरिया को बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही संभावित दुर्घटनाओं के मद्देनजर एक्सप्रेस-वे में निश्चित दूरी पर एंबुलेंस तैनात की जाएंगी, ताकि क्रासिंग के दौरान मोटर वाहनों से टकराने पर वन्यजीवों को समय पर रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया जा सके।
करीब 12,300 करोड़ की लागत से बनने वाले 210 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे को दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना है। इसको लेकर परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। परियोजना के तहत पर्यावरणीय चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई ओवरसाइट कमेटी भी इस पर बराबर नजर रख रही है।
बीते दिनों नई दिल्ली में कमेटी के अध्यक्ष वन महानिदेशक व विशेष सचिव चंद्र प्रकाश गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में परियोजना के तमाम पहलुओं पर चर्चा की गई। इस बैठक में उत्तराखंड वन विभाग और एनएचएआई के अधिकारियों ने भाग लिया। एक्सप्रेस-वे के तहत एशिया के सबसे लंबे और ऊंचे वन्यजीव गलियारे का निमार्ण किया जा रहा है। इसका आखिरी 20 किमी का हिस्सा राजाजी टाइगर रिजर्व पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र से होकर गुजरता है, जहां मोबाइल कनेक्टिविटी की दिक्कत है।
इस दिक्कत को दूर करने के लिए बैठक में चर्चा की गई है। एनएचएआई के अधिकारियों से फ्लाईओवर के साथ ही छोटे-छोटे मोबाइल टावर लगाने के निर्देश दिए गए। इसी क्षेत्र में 340 मीटर लंबी डाट काली सुरंग भी शामिल है, जिसका काम पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा फ्लाई ओवर में लाइट एवं साउंड बैरियर भी लगाए जाएंगे।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पूरे एरिया को ग्रीन कवर करने के लिए ईको रेस्टोरेशन प्लान पर काम किया जा रहा है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश अपने-अपने हिस्से में इस प्लान को लागू करेंगे, जिसका खर्च एनएचआई उठाएगा। इसके अलावा पार्क क्षेत्र में आग से बचाव के उपाय, वाटर पीट, ग्राउंड वाटर रिचार्ज सिस्टम आदि भी विकसित किए जाएंगे।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे निर्माण के तहत गणेशपुर-आशारोड़ी क्षेत्र में निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड को लेकर वन्यजीवों से जुड़े मसलों को लेकर बैठक में चर्चा की गई। एक्सप्रेस-वे का ज्यादातर हिस्सा राजाजी नेशनल पार्क की सीमा से होकर गुजरता है। वन्य जीवों को ध्यान में रखते हुए डीजी वन की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनएचएआई की ओर से उठाए जा रहे कदमों और परियोजना से संबंधित प्रगति जानकारी साझा की गई।
पंकज कुमार मौर्य, एनएचएआई के परियोजना निदेशक