देहरादून। प्रदेश सरकार क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट (नैदानिक स्थापना अधिनियम) में छोटे अस्पतालों और नर्सिंग होम को राहत दे सकती है। एक्ट में छूट देने के लिए सरकार ने केंद्र से सुझाव मांगा था। इस पर केंद्र सरकार ने सहमति दी है कि राज्य सरकार अपने स्तर पर एक्ट में छूट दे सकती है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक्ट में छूट का खाका तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव आएगा। 50 बेड से कम नर्सिंग होम, अस्पताल और क्लीनिक को एक्ट से राहत मिल सकती है। केंद्र ने अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड केंद्रों के संचालन के लिए क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू किया है।
राज्य सरकार ने इस एक्ट को अपनाया है, जिससे छोटे अस्पतालों को एक्ट के मानकों को पूरा करने में दिक्कतें आ रही हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से कई बार एक्ट में छोटे अस्पतालों को छूट देने की सरकार से मांग की गई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी आईएमए को एक्ट में छूट देने का आश्वासन दिया था। एक्ट में छूट देने से पहले राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से चर्चा कर सुझाव मांगा था। केंद्र ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अपने स्तर पर एक्ट में संशोधन कर सकती है।
आईएमए उत्तराखंड के महासचिव डॉ. अजय खन्ना का कहना है कि 50 बेड से कम क्षमता वाले अस्पतालों व नर्सिंग होम को क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट के मानकों को पूरा करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। आईएमए ने इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया है। एक्ट में 10 बेड से लेकर दो सौ बेड वाले अस्पतालों के लिए समान मानक हैं।
क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट में छोटे अस्पतालों व क्लीनिकों को छूट देने का प्रयास कर रही है। एक्ट के कारण छोटे अस्पतालों के सामने कई तरह की दिक्कतें हैं। हमने केंद्र सरकार से एक्ट में छूट देने पर सुझाव मांगा था। इस पर केंद्र ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार एक्ट में छूट दे सकती है। विभाग को जल्द ही प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है, जिसके बाद कैबिनेट में लाया जाएगा। -डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री