ऊर्जा निगम मुख्यालय में जरूरत पड़ने पर किसी भी इंजीनियर की तैनाती को बोर्ड से पास कराया जाता है। इसके अलावा यहां तमाम एई की ट्रेनिंग भी चल रही है। लिहाजा, जरूरत और प्रशिक्षण की वजह से इंजीनियरों को तैनात किया गया है।
-अनिल कुमार, एमडी, यूपीसीएल
देहरादून। उत्तराखंड पावर कारपोरेेशन लिमिटेेेड (यूपीसीएल) मुख्यालय में स्वीकृत पदों के मुकाबले कहीं अधिक इंजीनियरों की फौज जमा है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत ली गई सूचना से इसका खुलासा हुआ है। मोहनपुर निवासी बीरू बिष्ट ने यूपीसीएल मुख्यालय में स्वीकृत पदों के सापेक्ष तैनात इंजीनियरों की जानकारी आरटीआई में मांगी थी।
यूपीसीएल ने जो जवाब भेजा है, उसके हिसाब से स्वीकृत पदों के मुकाबले काफी अधिक संख्या में यहां इंजीनियर तैनात हैं। मुख्यालय में असिस्टेंट इंजीनियरों के 15 पद स्वीकृत हैं, लेकिन यहां 55 एई तैनात हैं। जूनियर इंजीनियरों के स्वीकृत पदों की संख्या तो नहीं बताई है लेकिन यहां 24 जेई तैनात हैं। वहीं, एसई के 11 पदों के सापेक्ष 11 ही एसई तैनात हैं। बीरू बिष्ट ने सवाल उठाया है कि जब यूपीसीएल के प्रदेशभर के बिजली घरों में इंजीनियरों की भारी कमी है, तो इतनी बड़ी संख्या में इंजीनियर मुख्यालय में क्यों तैनात किए गए हैं।
एक अन्य आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार मुख्यालय में 2003 से 2022 तक नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं किया गया है। बीरू बिष्ट ने मांग की है कि इनके प्रमाण पत्रों का भी सत्यापन किया जाए।