यह देश की आंतरिक सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील प्रकरण है। यूपी एटीएस और अन्य एजेंसियों से उत्तराखंड एसटीएफ का समन्वय बना हुआ था। प्रकरण में यथोचित सहयोग भी दिया गया। प्रकरण के संबंध में कोई भी जानकारी उत्तर प्रदेश एटीएस ही दे सकती है।
-अजय सिंह, एसएसपी, एसटीएफ उत्तराखंड
उत्तर प्रदेश एटीएस ने उत्तराखंड एसटीएफ की मदद से हरिद्वार से ग़ज़वा-ए-हिंद के दो आतंकियों को किया गिरफ्तार।
-डीजीपी अशोक कुमार, उत्तराखंड
देहरादून। गजवा-ए-हिंद की विचाराधारा को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार में कुछ क्षेत्र विशेष का इस्तेेमाल किया जा रहा था। यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े आठ संदिग्ध आतंकियों में से एक बांग्लादेशी लंबे समय से हरिद्वार में रह रहा था। एक स्थानीय युवक लंबे समय से उसका दोस्त था। आशंका जताई जा रही है कि हरिद्वार के सैकड़ों युवाओं को ये अपनी विचारधारा से जोड़ चुके हैं।
संयुक्त टीम ने अलीनूर निवासी सलेमपुर, जिला हरिद्वार, मूल निवासी ग्राम जहरन, जिला गोपालगंज, ढाका, बांग्लादेश और मुदस्सिर निवासी नगला इमरती, रुड़की, हरिद्वार को गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ में उत्तराखंड कनेक्शन का भी पता चला है।
आशंका है कि ये दोनों यहां लंबे समय से कुछ स्थान विशेष से गजवा-ए-हिंद विचारधारा से युवाओं को जोड़ रहे थे। बताया जा रहा है कि इन्हें टेरर फंडिंग के जरिये बहुत सा पैसा भी मिल रहा था। इससे ये अपना स्थानीय मॉड्यूल तैयार कर रहे थे।
यूपी एटीएस ने ही की विस्तृत पूछताछ
बांग्लादेशी युवक को मुदस्सिर ही अपने साथ लेकर आया था। बताया जा रहा है कि उसके किसी रिश्तेदार ने दोनों को कोलकाता में एक कार्यक्रम में मिलवाया था। तभी से दोनों गजवा-ए-हिंद की विचारधारा से जुड़ गए थे। उन्होंने ज्वालापुर और इसके आसपास के इलाकों में युवाओं को अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया।
कभी ये सभाएं करते थे तो कभी कुछ साहित्य भी वितरित करते थे। हालांकि, इन दोनों से विस्तृत पूछताछ यूपी एटीएस ने ही की है। लिहाजा, स्थानीय पुलिस और एजेंसी के पास भी कुछ ज्यादा जानकारी नहीं है।