अंकिता हत्याकांड के बाद राजस्व क्षेत्रों में अब सिविल पुलिस का दायरा बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में राज्य में 1500 राजस्व गांव में सिविल पुलिस की तैनाती होगी।
देहरादून। पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लाक के गंगा भोगपुर के रिसार्ट में अंकिता हत्याकांड के बाद प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों में अब सिविल पुलिस का दायरा बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के राजस्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 1500 गांवों को सिविल पुलिस क्षेत्र में लाने की तैयारी है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय शासन को प्रस्ताव भेज रहा है। शेष गांवों को भी चरणबद्ध तरीके से सिविल पुलिस के अंतर्गत लिया जाएगा।
प्रदेश में पर्यटन फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। इसके साथ ही होटल, रिसार्ट, होम स्टे आदि की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। जहां देश-विदेश से पर्यटक आ रहे हैं। पर्यटन बढ़ने के साथ ही राजस्व क्षेत्रों में अपराध का ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है। अभी प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों में कानून व सुरक्षा व्यवस्था का काम पटवारी पुलिस के पास है। इनके पास न तो हथियार हैं और न ही पुलिस की तरह आधुनिक तकनीक। नतीजतन यहां होने वाले अपराध में अपराधी जल्दी से पकड़ में नहीं आते।
इसे देखते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पटवारी पुलिस व्यवस्था को समाप्त करते हुए सारे क्षेत्र सिविल पुलिस को सौंपने को कहा था। इस फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में गई है। शासन के अधिकारियों की मानें तो अभी न तो सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई है और न ही कोई नया निर्णय दिया है। ऐसे में हाईकोर्ट का निर्णय अभी वैध है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पटवारी पुलिस व्यवस्था को समाप्त करते हुए सारे क्षेत्र सिविल पुलिस को सौंपने को कहा था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यमकेश्वर में हुई घटना के बाद बीती देर रात्रि मुख्य सचिव एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी व डीजीपी अशोक कुमार के साथ राजस्व क्षेत्रों में सिविल पुलिस तैनात करने के संबंध में चर्चा की थी। दरअसल, राजस्व क्षेत्रों में 7500 गांव हैं। पहले चरण में इनमें से 1500 गांवों को सिविल पुलिस के दायरे में लिया जाएगा। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। पहले चरण में 1500 गांवों में सिविल पुलिस की तैनाती की जाएगी।