देहरादून। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति को आम जनता से अब तक लगभग 1600 सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। विशेषज्ञ समिति द्वारा बनाई गई तीन सदस्य उप समिति ने इन सुझावों का देहरादून स्थित कार्यालय में अध्ययन शुरू कर दिया है। उप समिति इन सुझावों का सार तैयार करेगी, जिसे मुख्य समिति के समक्ष रखा जाएगा।
सूत्रों की मानें तो समिति को अब तक लगभग 1600 सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें 860 प्रस्ताव वेब पोर्टल के जरिये और शेष ई मेल व लिखित रूप से प्राप्त हुए हैं।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित समिति इस मसले पर अभी तक दिल्ली में पांच बैठकें कर चुकी है।
इनमें ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विभिन्न नीतियों के अलावा दूसरे देशों व गोवा में बनाई गई नीति का अध्ययन किया गया। समिति ने इसके लिए जनता से भी सुझाव आमंत्रित किए हैं। गत आठ सितंबर को समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) ने आमजन से समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट के लिए सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से वेब पोर्टल लांच किया। साथ ही ईमेल के जरिये भी सुझाव आमंत्रित किए गए।
उन्होंने जानकारी दी थी कि विशेषज्ञ समिति ने दो उप समितियां गठित की हैं, जो दिल्ली व देहरादून में कार्य करेंगी। इस कड़ी में पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डा सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्त्ता मनु गौड़ की तीन सदस्यीय समिति ने देहरादून में कार्य शुरू कर दिया है।
इसका कार्यालय कैंट रोड पर खोला गया है। सूत्रों की मानें तो समिति को अब तक लगभग 1600 सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें 860 प्रस्ताव वेब पोर्टल के जरिये और शेष ई मेल व लिखित रूप से प्राप्त हुए हैं। सूत्रों की मानें तो इनमें प्रदेश की परंपराओं, भौगोलिक स्थिति, महिलाओं की स्थिति का उल्लेख करते हुए इन विषयों पर कार्य करने की अपेक्षा की गई है। आमजन अपने सुझाव समिति के वेब पोर्टल पर सात अक्टूबर तक भेज सकते हैं।