वन आरक्षी मामले में भी हो सकती है कार्रवाई
वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल की बात सामने आई थी। इस प्रकरण में एक मुकदमा मंगलौर थाने में दर्ज था। मगर, इसमें आपसी समझौते के आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगाई जा चुकी है। हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच बंद भी कर दी गई थी। मगर, परिस्थितियों और मुकदमे का परीक्षण किया जा रहा है। अब तक कानूनी सलाह ली जा चुकी है। जल्द ही इस मामले में भी कार्रवाई की जा सकती है।
देहरादून। स्नातक स्तरीय परीक्षा धांधली में एसटीएफ की जांच लगभग पूरी हो गई है। डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि इस मामले में अब तक पूरी चेन पुलिस की गिरफ्त में आ चुकी है। जबकि, अन्य भर्तियों की जांच में बड़े खुलासे होने बाकी हैं। एसटीएफ वर्तमान में वीडीओ, सचिवालय रक्षक और वन दरोगा भर्ती की जांच कर रही है। इनमें कुछ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और भविष्य में बड़ी गिरफ्तारियां होंगी।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि स्नातक स्तरीय परीक्षा धांधली में अब तक 41 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें से एसटीएफ 18 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इस गैंग का लीडर मूसा भी पकड़ा जा चुका है। जबकि, पेपर लीक कराने में बड़ी भूमिका कंपनी के मालिक राजेश चौहान की रही है।
अभी तक की जांच में यही बात सामने आई है कि विभिन्न इलाकों में आरोपियों के अपने-अपने गिरोह हैं। इनका लीडर सैयद सादिक मूसा है। लेकिन, उसे पेपर मुहैया कराने वाला कंपनी का मालिक ही है। अब तक इस पूरी चेन को गिरफ्तार किया जा चुका है। माना जा सकता है कि अब इस मामले में जांच समाप्ति की ओर है।
उन्होंने बताया कि फिलहाल एसटीएफ वीडीओ भर्ती 2016, सचिवालय रक्षक और वन दरोगा भर्ती की जांच कर रही है। इसमें वीडीओ भर्ती में दो, सचिवालय रक्षक में और वन दरोगा भर्ती में एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन मामलों में कुछ आरोपी ऐसे भी हैं जो स्नातक स्तरीय परीक्षा की धांधली में भी शामिल रहे हैं। इनसे पूछताछ में बहुत सी बातें पता चली हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कुछ और बड़ी गिरफ्तारियां भी हो सकेंगी।