प्रदेश के पांच जिलों में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। इन जिलों के सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखी जाए। डेंगू मरीज मिलने पर आसपास के घरों में स्क्रीनिंग कर जांच की जाए। डेंगू के लार्वा के लिए सर्वे करने के साथ फॉगिंग करने के निर्देश दिए गए। डेंगू मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध हैं। साथ ही अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं।
-डॉ. शैलजा भट्ट, स्वास्थ्य महानिदेशक
देहरादून। उत्तराखंड में जहां एक ओर कोरोना संक्रमण कम होता जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर बढ़ते डेंगू ने चुनौती बढ़ा दी है। पांच जिलों में डेंगू संक्रमण दस्तक दे चुका है। अब तक प्रदेश में डेंगू के 192 मामले मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू रोकथाम व बचाव के लिए प्रभावित जिलों को गहन निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।
कारोना संक्रमितों की रफ्तार धीमी होने से स्वास्थ्य विभाग को थोड़ी राहत मिली थी। लेकिन अब डेंगू संक्रमण की रोकथाम व बचाव की चुनौती खड़ी हो गई है। प्रदेश के मैदानी जिले देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल समेत पौड़ी व टिहरी जिले में लगातार डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। इन पांच जिलों में अब तक कुल 192 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि अभी तक प्रदेश में डेंगू से कोई मौत नहीं हुई है।
वर्ष 2019 में डेंगू संक्रमण तेजी से फैला था। कुल 10622 लोग डेंगू की चपेट में आए, जबकि आठ लोगों की मौत हुई थी। 2020 व 2021 में कोविड महामारी के दौरान डेंगू का प्रभाव कम रहा था। विशेषज्ञों के मुताबिक हर दो या तीन साल बाद डेंगू का प्रकोप बढ़ने की आशंका रहती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही सभी जिलों को डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए एसओपी जारी की थी.