
काशीपुर (ऊधम सिंह नगर)। उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को नई दिशा देने के लिए अब आईआईएम काशीपुर के प्रोफेशनल्स सीधे ग्रामीणों के व्यवसाय को संवारेंगे। उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और भारतीय प्रबंधन संस्थान काशीपुर के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (फीड) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस साझेदारी के तहत वर्ष 2025-26 में 1.20 लाख ग्रामीण उद्यमियों को लखपति बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस एमओयू के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को आईआईएम के विशेषज्ञों की मेंटरशिप, व्यावसायिक प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और वित्तीय मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाएगा। फीड इनक्यूबेशन सेंटर ग्रामीण व्यवसायों को न केवल मजबूत करने का कार्य करेगा, बल्कि उन्हें बड़े स्तर पर विस्तार देने और बाजार से जोड़ने की दिशा में भी प्रयास करेगा।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण उत्पादों की बाजार पहुंच में सुधार करना, स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित करना और सफल ग्रामीण उद्यम मॉडल विकसित करना है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा और पारंपरिक व्यवसायों को आधुनिक प्रबंधन कौशल से जोड़ा जा सकेगा।
वर्तमान में उत्तराखंड में 68 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जो 7,800 से अधिक ग्राम संगठनों और 569 क्लस्टर स्तरीय संघों के माध्यम से संगठित हैं। ये समूह पहले से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं और इस नए कार्यक्रम से उन्हें और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने 1.63 लाख ग्रामीण महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ के रूप में स्थापित किया है, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2025-26 में 1.20 लाख अतिरिक्त ग्रामीण उद्यमियों को लखपति श्रेणी में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
फीड इनक्यूबेशन कार्यक्रम के तहत महिलाओं के साथ-साथ पुरुष उद्यमियों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह पहल न केवल ग्रामीण आजीविका को मजबूत करेगी, बल्कि राज्य की समग्र आर्थिक विकास यात्रा में भी अहम भूमिका निभाने वाली साबित होगी।





