
बांसवाड़ा। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से संचालित एक प्रतिष्ठित क्रेडिट कंपनी के कर्मचारियों द्वारा किए गए गंभीर आर्थिक घोटाले का खुलासा हुआ है। मामला बांसवाड़ा जिले के सज्जनगढ़ थाना क्षेत्र का है, जहां क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण लिमिटेड के शाखा प्रबंधक और तीन अन्य कर्मचारियों पर ऋण वसूली की रकम हड़पने का आरोप लगा है। इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब कंपनी की आंतरिक जांच टीम ने शाखा के खातों की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट तैयार की। अब पुलिस ने शाखा प्रबंधक विनोद चंदेल सहित चारों कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
एरिया मैनेजर शोभाराम कुत्राहे पुत्र शिवचरण कुत्राहे, जो बालाघाट (मध्यप्रदेश) निवासी हैं, ने सज्जनगढ़ थाने में दी गई रिपोर्ट में बताया कि उनकी कंपनी क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण लिमिटेड रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पंजीकृत और मान्यता प्राप्त है। इसका स्थानीय कार्यालय कन्या स्कूल के सामने संचालित होता है। कंपनी का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी गरीब महिलाओं को लघु ऋण उपलब्ध कराकर स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। लेकिन सज्जनगढ़ शाखा के कुछ कर्मचारियों ने कंपनी की साख पर बट्टा लगाते हुए गंभीर वित्तीय अनियमितता की।
शोभाराम कुत्राहे ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि 16 से 21 जून के बीच कंपनी की बीएसटी ऑडिट टीम के सदस्य अमित कुमार राघव सहित अन्य अधिकारियों ने शाखा कार्यालय में विस्तृत लेखा परीक्षण किया। इस दौरान कई खातों की जांच की गई और ऋणधारक महिलाओं से प्रत्यक्ष बातचीत भी की गई। जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि शाखा प्रबंधक और केंद्र प्रबंधकों ने कई महिला खाताधारकों से ऋण की वसूली तो कर ली, परंतु यह राशि कंपनी के खातों में जमा नहीं की गई।
ऑडिट टीम की रिपोर्ट में सामने आया कि शाखा प्रबंधक विनोद चंदेल पुत्र रतनसिंह चंदेल, केंद्र प्रबंधक विशाल खराड़ी पुत्र हजा खराड़ी, केंद्र प्रबंधक हकरू पुत्र सोहन और अशोक कुमार पुत्र कांतिलाल ने मिलकर कुल 3 लाख 16 हजार 595 रुपए का गबन किया। जांच में यह भी पाया गया कि विनोद चंदेल ने 3, हकरू ने 8, विशाल खराड़ी ने 1 और अशोक कुमार ने 21 महिला सदस्यों से ऋण की वसूली की राशि अपने पास रख ली।
कंपनी प्रबंधन ने इसे अमानत में खयानत और धोखाधड़ी की गंभीर श्रेणी में रखते हुए तत्काल संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई। सज्जनगढ़ पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस वित्तीय गड़बड़ी में शाखा स्तर से ऊपर के किसी अन्य अधिकारी की भी संलिप्तता है या नहीं।
यह मामला इस बात का प्रतीक है कि जहां एक ओर देश की वित्तीय संस्थाएं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं कुछ भ्रष्ट कर्मचारी उनकी मेहनत और विश्वास के साथ छल कर रहे हैं। पुलिस ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।







