
रुद्रप्रयाग | उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के छेनागाड़ क्षेत्र में 28 और 29 अगस्त की रात बादल फटने से मची तबाही ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। इस आपदा में लापता हुए नौ मजदूरों में से अब तक सात के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि दो की तलाश अभी भी जारी है। शनिवार को जब मलबा और बोल्डर हटाने का कार्य किया जा रहा था, तब पांच शव और एक पैर मलबे के नीचे से बरामद हुए। शुक्रवार को भी एक शव और एक पैर मिला था।
घटना के बाद से जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें लगातार सर्च और रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई हैं। शनिवार को लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ के कर्मियों और मजदूरों की ओर से सड़क पर जमा भारी मलबे और पत्थरों को हटाने का काम किया जा रहा था। इस दौरान पुलिस टीम भी मौके पर मौजूद थी। जब आसपास के एक क्षतिग्रस्त मकान के पास से तेज बदबू आने लगी, तो शक के आधार पर सरिया और मलबा हटाया गया। मलबा हटाने पर मकान के अंदर और बाहर से पांच शव बरामद किए गए। साथ ही एक पैर का हिस्सा भी मिला।
गुप्तकाशी थाना प्रभारी रंजीत खनेड़ा ने बताया कि मलबे से दो मोबाइल फोन और एक पर्स भी बरामद हुआ है, जिसमें नेपाली रुपये पाए गए हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों में चार नेपाल मूल के व्यक्ति भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को मिले शवों की अभी पहचान नहीं हो पाई है। शुक्रवार को मिले शव की पहचान हो चुकी है, जबकि बाकी शवों की शिनाख्त की कार्रवाई जारी है।
पुलिस और रेस्क्यू टीमों ने बताया कि अभी भी दो व्यक्ति लापता हैं, जिनकी खोज जारी है। घटना स्थल के आसपास अब भी भारी मलबा जमा है, जिससे सर्च अभियान में कठिनाई आ रही है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि आपदा के बाद से प्रभावित परिवार लगातार प्रशासन से राहत और मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक पर्याप्त सहायता नहीं मिल पाई है।
छेनागाड़ आपदा ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों की स्थिति कितनी कमजोर है। बारिश के मौसम में लगातार हो रही भू-स्खलन और बादल फटने की घटनाएं चेतावनी देती हैं कि पहाड़ों में विकास कार्यों के साथ-साथ आपदा पूर्व तैयारी और त्वरित राहत व्यवस्था को मजबूत करने की सख्त जरूरत है।
प्रशासन ने बताया कि मलबा हटाने और शवों की पहचान पूरी होने के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया स्थानीय प्रशासन की देखरेख में की जाएगी। फिलहाल मौके पर एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है।





