
उधमसिंह नगर में हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा हरिद्वार पुलिस और सीआईयू की संयुक्त टीम ने कर दिया है। यह मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक महिला की हत्या कर उसके शव को पहचान मिटाने के इरादे से हरिद्वार के श्यामपुर क्षेत्र में डीजल डालकर जला दिया गया था। पुलिस ने इस मामले में मृतका के प्रेमी सलमान और एक महिला मेहरुन्निशा को गिरफ्तार किया है। घटना की शुरुआत 17 अक्तूबर की शाम को हुई थी। जानकारी के अनुसार, मृतका सीमा खातून और उसका प्रेमी सलमान दोनों एक ट्रक में थे। दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते रहते थे क्योंकि सलमान अब किसी और से शादी करना चाहता था, जिससे सीमा नाराज रहती थी। उस दिन दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि सलमान ने अपनी महिला साथी मेहरुन्निशा की मदद से सीमा का गला दबाकर हत्या कर दी।
हत्या के बाद दोनों ने शव को ट्रक में रखकर हरिद्वार की ओर रुख किया और श्यामपुर क्षेत्र के पास एक खाली मैदान में शव पर डीजल डालकर आग लगा दी। अगले दिन यानी 18 अक्तूबर को ग्राम गाजीवाली के पास हाईवे किनारे महिला का अधजला शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मौके से मिले साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की। करीब 300 से अधिक वाहनों के फुटेज खंगाले गए। एएनपीआर कैमरों की मदद से एक सफेद कंटेनर ट्रक संदिग्ध पाया गया, जिसके सुराग पुलिस को उधमसिंह नगर तक ले गए। वहां पता चला कि सीमा खातून नामक महिला की गुमशुदगी दर्ज है।
पुलिस ने जांच में उस महिला को हिरासत में लिया जो सीमा के साथ आखिरी बार देखी गई थी। पूछताछ में उसने हत्या की बात कबूल कर ली और पूरा घटनाक्रम बताया। उसने यह भी बताया कि सीमा ने पहले उसके बेटे को एनडीपीएस केस में फंसाकर जेल भिजवाया था, जिससे वह उससे रंजिश रखती थी। इसी रंजिश और प्रेम प्रसंग के विवाद ने इस हत्या को जन्म दिया। एसपी क्राइम जितेंद्र मेहरा ने मायापुर स्थित एसपी सिटी कार्यालय में प्रेसवार्ता कर मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि आरोपी सलमान पुत्र घसीटा खां निवासी मझरा लक्ष्मीपुर, काशीपुर को 23 अक्तूबर की रात श्यामपुर क्षेत्र में चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया। उसके पास से घटना में प्रयुक्त ट्रक और डीजल का जरीकेन भी बरामद किया गया।
महिला आरोपी मेहरुन्निशा (53) पत्नी स्व. नासिर, निवासी मझरा लक्ष्मीपुर को पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। दोनों को कोर्ट में पेश किया जा रहा है। पुलिस की जांच टीम में सीआईयू हरिद्वार और थाना श्यामपुर के अधिकारी शामिल थे, जिनमें निरीक्षक नरेन्द्र सिंह विष्ट (प्रभारी सीआईयू), मनोज शर्मा (थानाध्यक्ष श्यामपुर), उपनिरीक्षक गगन मैठाणी, नवीन चौहान, हेडकांस्टेबल मनमोहन सिंह, देशराज आदि शामिल रहे।
यह हत्याकांड न केवल प्रेम संबंधों की जटिलता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अपराधी पहचान मिटाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। पुलिस की तत्परता और तकनीकी जांच ने इस जघन्य अपराध का पर्दाफाश कर पीड़िता के परिवार को न्याय की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है।




