
चमोली जिले के दूरस्थ डुमक गांव में गुरुवार सुबह मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक दर्दनाक घटना सामने आई। गांव के एक दंपती पर अचानक भालू ने हमला कर दिया, जिसमें पति की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल महिला को प्राथमिक उपचार के बाद एयर एंबुलेंस से ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, डुमक गांव निवासी सुंदर सिंह (आयु लगभग 45 वर्ष) और उनकी पत्नी लीला देवी (आयु लगभग 40 वर्ष) रोज की तरह सुबह अपने मवेशियों के लिए घास काटने जंगल की ओर गए थे। गांव से कुछ ही दूरी पर घास काटते समय अचानक झाड़ियों में छिपे भालू ने उन पर हमला कर दिया। हमला इतना भीषण था कि सुंदर सिंह को बचने का मौका नहीं मिला और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
भालू के हमले में लीला देवी भी बुरी तरह घायल हो गईं। उनकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर भालू को जंगल की ओर खदेड़ा। ग्रामीणों ने किसी तरह घायल महिला को संभाला और वन विभाग व राजस्व विभाग को घटना की सूचना दी। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।
गंभीर रूप से घायल लीला देवी को पहले स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी नाजुक स्थिति को देखते हुए एयर एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया। वहीं, सुंदर सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
गांव में इस घटना के बाद शोक और दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में भालू के दिखाई देने की घटनाएं बढ़ गई थीं, लेकिन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों ने वन विभाग से इलाके में गश्त बढ़ाने और जंगली जानवरों की निगरानी के लिए पिंजरे लगाने की मांग की है।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह इलाका भालू के प्राकृतिक आवास क्षेत्र में आता है, जहां जंगली जानवर अक्सर भोजन की तलाश में गांव की सीमाओं तक पहुंच जाते हैं। विभाग ने घटना के बाद प्रभावित परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और आसपास के इलाकों में टीमों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं।
राजस्व विभाग के अनुसार, मृतक सुंदर सिंह के परिजनों को आपदा राहत नियमों के तहत आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही घायल लीला देवी के इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि पहाड़ी इलाकों में मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए क्या पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं। जंगलों के घटते क्षेत्र और मानव बस्तियों के विस्तार के कारण भालू, तेंदुए जैसे वन्यजीव अब अक्सर ग्रामीण इलाकों में आ जाते हैं, जिससे ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
डुमक गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव के आसपास के जंगलों में वन्यजीवों की नियमित निगरानी की जाए, सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए और लोगों को जागरूक किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके।
फिलहाल, गांव में शोक का माहौल है। सुंदर सिंह की असामयिक मौत से पूरा समुदाय सदमे में है, जबकि लीला देवी की हालत अभी गंभीर बनी हुई है।




