
रुद्रपुर के मनोज सरकार स्टेडियम में खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए तैयार किया जा रहा एथलेटिक्स ट्रैक बार-बार बाधित होने के बाद अब पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। डेढ़ साल के भीतर यह तीसरी बार है जब निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है। खराब हालत के चलते पहले से बने ट्रैक को अब उखाड़ा जा रहा है और इसे दोबारा तैयार किया जाएगा। निर्माण इकाई ने इसके लिए 2.32 करोड़ रुपये का नया प्रस्ताव सिडकुल को भेजा है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक और फुटबॉल ग्राउंड निर्माण की स्वीकृति मिली थी। योजना के तहत एक वर्ष के भीतर ट्रैक को तैयार कर स्टेडियम को सौंपना था। बीते मार्च तक इसका काम पूरा कर लिया जाना था, लेकिन बार-बार आने वाली बाधाओं ने काम की रफ्तार को रोक दिया। शुरुआत में राज्य ओलंपिक खेलों के चलते निर्माण कार्य रुका, इसके बाद राष्ट्रीय खेलों के कारण काम अधूरा रह गया। जुलाई महीने में हुए निवेश उत्सव में स्टेडियम परिसर में बड़े वाहनों की आवाजाही से ट्रैक धंस गया और उसकी सतह खराब हो गई। इसके बाद बरसात के मौसम में पानी भर जाने से स्थिति और बिगड़ गई।
पेयजल निर्माण विंग, देहरादून की टीम ने ट्रैक को सुधारने और नए सिरे से तैयार करने के लिए 2.32 करोड़ रुपये की लागत का प्रस्ताव बनाकर सिडकुल को भेजा है। हालांकि अब तक धनराशि स्वीकृत नहीं हुई है, लेकिन इकाई ने क्षतिग्रस्त ट्रैक को उखाड़ने का काम शुरू कर दिया है। अभियंता शैलेंद्र भंडारी ने बताया कि ट्रैक की सतह जगह-जगह धंस गई थी और पहले से हो चुका काम भी खराब हो गया। ट्रैक पर दो चरणों में काम पूरा किया गया था और केवल अंतिम चरण का कार्य शेष था, लेकिन उससे पहले ही सतह बर्बाद हो गई।
अब पूरा ट्रैक उखाड़कर दोबारा बनाया जाएगा और लक्ष्य है कि इसे एक महीने के भीतर फिर से तैयार कर खिलाड़ियों को सौंपा जाए। इस बार निर्माण एजेंसी का दावा है कि काम को तेजी से पूरा किया जाएगा और ट्रैक की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि भविष्य में खिलाड़ियों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।