
देहरादून | शिक्षा विभाग से जुड़ी एक गंभीर लापरवाही सामने आई है। वर्ष 2001 से 2008 तक जिन शासनादेशों और नियमों के आधार पर एलटी (Licentiates Teacher) शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर तदर्थ पदोन्नति दी गई थी, वही शासनादेश विभाग से गायब है। इस मामले पर मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने शिक्षा महानिदेशक और निदेशक को कड़ा आदेश जारी करते हुए संबंधित कार्मिकों पर विभागीय और कानूनी कार्रवाई करने को कहा है।
मामला कैसे उजागर हुआ
- नैनीताल जिले के धारी ब्लॉक निवासी पुष्पेश सांगा ने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी।
- उन्होंने 2001 से 2008 तक एलटी से प्रवक्ताओं की तदर्थ पदोन्नतियों से संबंधित शासनादेश की प्रमाणित प्रति और अन्य 10 बिंदुओं पर सूचना मांगी।
- विभाग से कोई सूचना नहीं मिलने पर उन्होंने सूचना आयोग में अपील दायर की।
विभाग का जवाब और आयोग की नाराजगी
- अपील की सुनवाई पर शिक्षा विभाग ने बताया कि निदेशालय के बार-बार शिफ्ट होने की वजह से पत्रावली (फाइल) गायब हो गई है।
- आयोग ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि शासनादेश का न मिलना गंभीर है क्योंकि इसी आधार पर हजारों शिक्षकों को तदर्थ पदोन्नति दी गई थी।
- तदर्थ के बाद इन शिक्षकों को मौलिक पदोन्नति भी प्रदान की गई। अब आदेश गायब होने से इन पदोन्नतियों की वैधता पर सवाल उठ सकते हैं।
आयोग का आदेश
मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने अपने आदेश में कहा:
- निदेशक और महानिदेशक तीन महीने के भीतर शासन को पूरे मामले से अवगत कराएं।
- संबंधित कार्मिकों पर विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाए।
- गायब पत्रावली को फिर से तैयार किया जाए।
- अपीलार्थी को मुकदमा दर्ज कराने की स्वतंत्रता दी जाए।
- आदेश की प्रति एसएसपी देहरादून को भी भेजी जाए ताकि यदि अपीलार्थी या शिक्षा विभाग मुकदमा दर्ज कराए तो नियमानुसार कार्रवाई हो सके।