
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में प्रश्नपत्र केंद्र से बाहर भेजने का मामला लगातार पेचीदा होता जा रहा है। भले ही सूत्रधार खालिद पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है, लेकिन इस पूरी साजिश का असली मास्टरमाइंड ‘दीवाना’ अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। यही कारण है कि पुलिस और आयोग दोनों ही अब इस रहस्यमयी शख्स तक पहुँचने के लिए बेचैन हैं।
पुलिस की प्रेसवार्ता: पेपर लीक नहीं, बल्कि पास कराने की साजिश
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में यह साफ हो चुका है कि मामला बड़े स्तर का पेपर लीक नहीं, बल्कि खालिद को परीक्षा पास कराने के लिए रची गई साजिश है। खालिद को हरिद्वार से हिरासत में लेने के बाद देर रात देहरादून लाया गया और उससे पूछताछ की गई।
ऑडियो रिकॉर्डिंग में सामने आया ‘दीवाना’
एसपी जया बलोनी ने बताया कि खालिद की बहन साबिया के मोबाइल से मिली ऑडियो रिकॉर्डिंग में मास्टरमाइंड ने अपना नाम ‘दीवाना’ बताया है।
- संदेह है कि उसी ने खालिद को परीक्षा केंद्र तक डिवाइस पहुँचाई।
- यही व्यक्ति संभवतः जैमर को जाम कराने या फिर खालिद को जैमर की रेंज से बाहर रखने में मददगार रहा।
- हालांकि पुलिस का मानना है कि उसने ‘दीवाना’ नाम केवल अपनी असली पहचान छिपाने के लिए इस्तेमाल किया।
कैसे पहुँचे प्रश्नपत्र बाहर?
पूछताछ में सामने आया कि ‘दीवाना’ नामक शख्स खालिद के मोबाइल नंबर से ही साबिया से बात कर रहा था।
- उसी ने साबिया को प्रश्नपत्र के तीन पन्नों वाले स्क्रीनशॉट भेजकर उत्तर मांगे।
- साबिया ने यह स्क्रीनशॉट असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को फॉरवर्ड किए और जवाब हासिल करने की कोशिश की।
- इसके बाद साबिया ने सबूत मिटाने के लिए फोटो डिलीट फॉर ऑल कर दिए, लेकिन सुमन ने पहले ही स्क्रीनशॉट ले लिए थे।
सबूत मिटाने की कोशिश
एसपी जया ने बताया कि इन तथ्यों से यह साफ है कि साबिया भी साजिश का हिस्सा थी। उसने न केवल प्रश्नपत्र आगे बढ़ाया बल्कि बाद में साक्ष्य नष्ट करने की भी कोशिश की। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि ‘दीवाना’ कौन है और उसके तार किस नेटवर्क से जुड़े हैं।
बड़ी चुनौती: मास्टरमाइंड की पहचान
फिलहाल पुलिस को न तो खालिद का मोबाइल मिला है और न ही ‘दीवाना’। यही वजह है कि जांच एजेंसियां उलझी हुई हैं।
पुलिस सूत्र मानते हैं कि असली मास्टरमाइंड को पकड़े बिना इस पूरे प्रकरण की गुत्थी सुलझना मुश्किल है।
आयोग और पुलिस की बेचैनी
- आयोग चाहता है कि दोषियों को सख्त सजा मिले, ताकि भविष्य में परीक्षाओं की साख पर सवाल न उठें।
- पुलिस अब मोबाइल डाटा, कॉल डिटेल और डिजिटल ट्रैकिंग के जरिए ‘दीवाना’ तक पहुँचने की कोशिश कर रही है।