
देहरादून | देहरादून के बसंत विहार थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह 20 वर्षीय युवती विशाखा का शव कट्टे में भरकर चाय बागान के जंगलों में फेंका हुआ मिला। उसकी पहचान प्रेमनगर निवासी विशाखा के रूप में हुई। शुरुआती जांच और पारिवारिक बयानों के आधार पर पुलिस को शक है कि हत्या उसके ही बड़े भाई विशाल ने की है, जो घटना के बाद से फरार है।
मां-पिता की हालत गंभीर, जिम्मेदारी उठाती थी बेटी
विशाखा का परिवार पहले से ही संकट में था।
- मां अस्पताल में रसौली के ऑपरेशन के लिए भर्ती हैं।
- पिता बुधराम लकवाग्रस्त होकर लंबे समय से बिस्तर पर लाचार पड़े हैं।
- ऐसे हालात में विशाखा ही घर की सबसे जिम्मेदार सदस्य थी, जो पॉलिटेक्निक से पढ़ाई करते हुए नौकरी की तैयारी कर रही थी।
भाई विशाल के नशे की लत और गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण दोनों के बीच अक्सर विवाद रहता था।
“मम्मी विशाखा चली गई है…” कहकर भाई हुआ फरार
हत्या की गुत्थी तब और उलझ गई जब तड़के सुबह 4 बजे अस्पताल में भर्ती मां के पास विशाल का फोन आया। उसने कहा—
“मम्मी, विशाखा चली गई है, किसी को बताना मत।”
इसके तुरंत बाद वह फरार हो गया।
करीब सुबह 10 बजे पुलिस ने परिवार को सूचना दी कि विशाखा का शव चाय बागान के जंगलों में झाड़ियों में पड़ा मिला है। मां यह सुनते ही बेहोश हो गईं।
परिजनों ने भाई पर जताया शक
विशाखा के ममेरे भाई रोहित ने बताया कि विशाल नशे का आदी है और कभी-कभी कंडक्टर या ड्राइवर का काम करता है। वह घर की जिम्मेदारियों से दूर रहता था। विशाखा की मेहनती और जिम्मेदार प्रवृत्ति के कारण दोनों के बीच खटास थी। पुलिस को भी भाई-बहन के बीच विवाद रहने की पुष्टि मिली है।
पुलिस जांच और कार्रवाई
- बसंत विहार थाना पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
- सीओ सिटी मिश्रा ने बताया कि आरोपी विशाल के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
- पुलिस का मानना है कि रविवार देर रात भाई-बहन के बीच विवाद के बाद हत्या की गई और शव को कट्टे में भरकर जंगल में फेंक दिया गया।
- मां ने भी सीधे तौर पर बेटे विशाल पर हत्या का शक जताया है।
शव का सोमवार देर शाम पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।
चाय बागान में सुरक्षा सवालों के घेरे में
स्थानीय लोग गुस्से में हैं। उनका कहना है कि चाय बागान में पहले भी लाशें मिल चुकी हैं और रात के समय यहां संदिग्ध गतिविधियां होती रहती हैं।
- स्थानीय संगठनों ने यहां पुलिस पिकेट बनाने की मांग दोहराई है।
- लोगों का कहना है कि बागान की सुनसान जगहों पर नशा करने वाले जुटते हैं, जिससे वारदात की आशंका हमेशा बनी रहती है।