
काशीपुर में रविवार शाम हुए एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। हेमपुर गोशाला निवासी 80 वर्षीय जगत सिंह किसी काम से निकले थे, लेकिन लौटकर घर नहीं आए। शाम लगभग सात बजे गोशाला क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के पास अचानक वे ट्रेन की चपेट में आ गए और हादसा इतना भीषण था कि उनका दाहिना पैर घुटने के पास से अलग हो गया। घटना की सूचना मिलते ही परिजन और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और उन्हें तुरंत गंभीर अवस्था में एलडी भट्ट उप जिला चिकित्सालय ले जाया गया। डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव और गंभीर चोटों के कारण देर रात उनकी मौत हो गई।
सूचना पाकर पुलिस भी घटनास्थल पर पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सोमवार सुबह रिपोर्ट के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। वृद्ध की मौत से परिवार में मातम पसर गया और घर पर कोहराम मच गया। मृतक के बेटे चंद्रपाल सिंह ने बताया कि उन्हें यह समझ नहीं आ सका कि उनके पिता रेलवे लाइन के पास किस काम से गए थे। आशंका जताई जा रही है कि वे शायद ट्रैक पार करने की कोशिश में फिसल गए होंगे और तभी ट्रेन की चपेट में आ गए।
इलाके के लोग इस हादसे से बेहद दुखी हैं और चर्चा कर रहे हैं कि उम्रदराज होने के बावजूद मृतक रोजमर्रा के छोटे-मोटे काम खुद ही करते थे। हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि रेलवे ट्रैक के आसपास लोगों की आवाजाही को लेकर सुरक्षा इंतज़ाम कितने नाकाफी हैं। जहां से यह हादसा हुआ, उस इलाके में कोई सुरक्षित पैदल मार्ग या अंडरपास नहीं है, जिससे आए दिन दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
हादसे ने न केवल एक परिवार की खुशियां छीन लीं, बल्कि पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया है। पुलिस मामले की औपचारिकता पूरी कर चुकी है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए पटरियों के किनारे सुरक्षा व्यवस्था और जनजागरूकता अभियान बेहद जरूरी है।