
देहरादून | मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट में पर्यटन विकास कार्यों और गतिविधियों के लिए हुए टेंडर की प्रक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि पूरी प्रक्रिया एक ही कंपनी को लाभ पहुँचाने के लिए रची गई, जबकि विभाग का कहना है कि चयन पूरी तरह पारदर्शिता के साथ ई-टेंडर प्रक्रिया से हुआ।
पर्यटन विभाग का पक्ष
पर्यटन सचिव धीराज गबर्याल ने बताया कि वर्ष 1987-88 में जिला प्रशासन ने जॉर्ज एवरेस्ट क्षेत्र में 172.91 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था।
- एडीबी परियोजना के अंतर्गत 2019 में यहाँ हैरिटेज पार्क का निर्माण शुरू हुआ और नवंबर 2022 में पूरा हुआ।
- इस कार्य पर लगभग 23.52 करोड़ रुपए की लागत आई।
- इसी दौरान एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों के संचालन व प्रबंधन के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए, जिसमें तीन कंपनियों ने आवेदन किया।
- तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के बाद राजस एरो स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड को 15 वर्ष के लिए कार्य आवंटित किया गया।
विभाग का कहना है कि जमीन और परिसंपत्तियों पर स्वामित्व पर्यटन विभाग का ही है, जबकि संचालन का अधिकार अनुबंधित कंपनी को दिया गया है।
विपक्ष का आरोप – राज्य का सबसे बड़ा घोटाला
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि यह पूरा आवंटन घोटाला है।
- उनका कहना है कि 142 एकड़ भूमि, जिसमें म्यूजियम, कैफेटेरिया, पार्किंग और अन्य सुविधाएं शामिल हैं, को केवल एक करोड़ रुपये सालाना किराए पर दे दिया गया।
- आरोप यह भी है कि टेंडर डालने वाली तीनों कंपनियां एक ही मालिकाना हक वाली थीं और बाकी दो कंपनियां सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए उतारी गईं।
- उन्होंने दावा किया कि इस भूमि का सरकारी मूल्य ही 2757 करोड़ रुपये बैठता है, जबकि बाजार दर पर इसका मूल्य कई गुना अधिक है।
आर्य ने इसे राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया और कहा कि पूरे मामले की जांच सीबीआई या किसी रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में समिति से करवाई जानी चाहिए।
भाजपा का जवाब – विधि सम्मत प्रक्रिया
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया।
- उनका कहना है कि आवंटन प्रक्रिया पूरी तरह विधि सम्मत और पारदर्शी रही है।
- 2017 की अधिप्राप्ति नियमावली के तहत ई-टेंडर आमंत्रित किए गए और शर्तें पूरी करने वाली कंपनी को जिम्मेदारी दी गई।
- चौहान ने कहा कि यहाँ की भूमि और संसाधन राज्य के ही हैं और आम जनता की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है।
- उन्होंने पलटवार करते हुए कांग्रेस से पूछा कि उन्होंने अपने शासनकाल में उद्यानों और पर्यटन परिसंपत्तियों को गिरवी रखने का हिसाब क्यों नहीं दिया।
वर्तमान स्थिति
फिलहाल जॉर्ज एवरेस्ट में हिमालय दर्शन योजना, बर्ड वॉचिंग, एस्ट्रो टूरिज्म, म्यूजियम और पार्किंग संचालन राजस एरो स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से चल रहे हैं।
मामला गरमा चुका है और यह देखना होगा कि क्या सरकार विपक्ष की जांच की मांग पर कोई कदम उठाती है या नहीं।