
रुद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार क्षेत्र का छेनागाड़ बाजार 28 अगस्त की रात हुई मूसलाधार बारिश और सैलाब में पूरी तरह तबाह हो गया था। आपदा को बीते 13 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब भी लापता लोगों की तलाश जारी है। पोकलैंड और जेसीबी मशीनों से टनों मलबा हटाया जा रहा है, जिसके बीच रसोई गैस सिलिंडर और घरेलू सामान मिल रहे हैं।
परिजन अब टूट चुके, कर्मकांड करने लगे
आपदा में लापता उछोला और भौर गांव के दो लोगों के परिजनों ने अब उम्मीद छोड़ दी है। वे मान चुके हैं कि उनके अपने अब जीवित नहीं लौटेंगे। गुरुवार को उन्होंने अपने गांव में कर्मकांड भी कर लिया। परिजनों का कहना है कि अब सिर्फ मृत शरीर मिलने का इंतजार है।
तबाही का मंजर
उस रात बाजार में मौजूद 15 दुकानें और कई मकान मलबे में समा गए थे। नौ लोग सैलाब में बह गए, जिनका अब तक कोई सुराग नहीं मिला। मलबा हटाने के दौरान तीन विशाल बोल्डर भी सामने आए हैं, जिन्हें मशीनों से हटाना लगभग नामुमकिन है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि पत्थरों और बोल्डरों से भरे मलबे को साफ करने में मशीन संचालकों को खासी दिक्कतें आ रही हैं।
सड़क और राहत शिविर
बांसवाड़ा-बसुकेदार-छेनागाड़ मोटर मार्ग को दुरुस्त करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। उम्मीद है कि अगले दो दिनों में सड़क छेनागाड़ तक बहाल हो जाएगी। इस बीच ग्राम पंचायत तालजामण के 176 ग्रामीण अब भी राहत शिविरों में ठहरे हुए हैं और अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं।